मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर पुरानी सहयोगी बीजेपी और शिवसेना के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। 50-50 फॉर्मूले पर बात न बनने के बीच केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री और शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया है। मोदी के मंत्रिमंडल में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ट्वीटकर ये घोषणा की। बता दें कि एक दिन पहले ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शिवसेना को महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने का निमंत्रण दिया था।


बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही कुर्सी की जंग के बीच सावंत ने अपने ट्वीट में लिखा, 'शिवेसना सच के साथ है। ऐसे में मुझे दिल्ली में झूठ के माहौल में क्यों करना चाहिए?मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।' इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि वे सुबह 11 बजे दिल्ली में एस प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे।


अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता और सीटों की साझेदारी पर एक फार्मूला तय हुआ था। जिसपर शिवसेना और बीजेपी दोनों राजी हुए थे, लेकिन ये हैरान करने वाली बात है कि जो तय हुआ था, उससे अब इनकार किया जा रहा है। शिवसेना को इस तरह से पेश किया जा रहा है कि जैसे वो झूठ बोल रही है। यह चौंकाने वाला है। यह राज्य के गौरव पर धब्बा है। बीजेपी ने झूठ की हदें पार कर, अपने रास्ते बदल लिए हैं।'


उधर, शिवसेना नेता संजय राउत ने भी बीजेपी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के मुख्यमंत्री पद साझा ना करने के अहंकार की वजह से दोनों पार्टियों के बीच मौजूदा स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी 50:50 का फार्मूला ना अपना कर जनादेश का अपमान कर रही है। गठबंधन तोड़ने की धमकी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी अपना वादा पूरा नहीं करना चाहती, तो फिर गठबंधन में रहने का कोई मतलब नहीं बनता। राउत ने सोमवार को कहा कि अगर रास्ते की परवाह की, तो मंजिल बुरा मान जाएगी।


राउत ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने के भी संकोत दे दिए। उन्होंने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में बीजेपी पीडीपी के साथ हाथ मिला सकती है, तो फिर शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ क्यों नहीं जा सकती। राउत ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी को मतभेद भूलाकर महाराष्ट्र के हित में एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के साथ आना चाहिए।


गौरतलब है कि रविवार को महाराष्ट्र में बीजेपी की ओर से सरकार बनाने से इनकार करने के कुछ ही घंटे बाद राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने का निमंत्रण दिया। अब फ्लोर टेस्ट से पहले एनसीपी ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है। शिवसेना ने भी एनसीपी और कांग्रेस का हाथ थामने के संकेत दे दिए हैं। शिवसेना दोनों पार्टियों से बातचीत की कोशिशों में जुटी हैं। इस बीच एनसीपी ने रविवार को साफ कहा कि शिवसेना को पहले एनसीपी का दामन छोड़ना होगा। बता दें कि 288 सदस्यीय सदन में बीजेपी के बाद शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी है। शिवसेना के पास सरकार बनाने का दावा जताने के लिए आज शाम साढ़े सात बजे तक का समय है।


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