Emergency 1975: देश में साल 1975 में लगाई गई इमरजेंसी की बरसी पर समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एक ट्वीट में जहां आपातकाल के फैसले की आलोचना की तो वहीं बिना नाम लिए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा.
सपा नेता ने लिखा- 25 जून 1975 को तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे दुखद अध्याय था. जो लोग कभी आपातकाल का विरोध कर रहे थे, आज वह ही सत्ता में बैठकर देश को तानाशाही की ओर ले जा रहे हैं व जनता पर अघोषित आपातकाल थोपे हुए हैं. आपातकाल के विरुद्ध उठे हर स्वर को नमन.
सीएम योगी ने किया ट्वीट
उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी आपतकाल की बरसी पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा- भारत के महान लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने हेतु बिना डरे, बिना डिगे, बिना झुके क्रूर तानाशाही का प्रखर प्रतिकार करने वाले समस्त हुतात्माओं को नमन!इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल को आज 48 साल बाद भी एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है. रातों रात जिस तरह संविधान को ताक पर रखते हुए आपातकाल लगाया गया वह सत्ता के दुरुपयोग, मनमानी और तानाशाही का आज भी सबसे बड़ा उदाहरण है.
रक्षा मंत्री ने कहा- हमारे लिए 25 जून का यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है कि हम आपातकाल के इस कालखंड को कभी न भूलें और अपने लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने का दृढ़ संकल्प बनाये रखें ताकि फिर कभी कोई आपातकाल दोहराने की ख्याल भी अपने मन मे न लाए.
गृह मंत्री ने कही ये बात
राजनाथ सिंह ने कहा- आज भारत में लोकतंत्र जीवित है, इसमें आपातकाल में जिन्होंने भी संघर्ष किया, जेल काटी और यातनाएँ सहीं, उन सभी का बहुत बड़ा योगदान है. भारत की आने वाली पीढ़ियाँ उनका योगदान कभी भुला नहीं सकतीं.
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी आपातकाल की बरसी पर टिप्पणी की. उन्होंने लिखा- आज ही के दिन 1975 में एक परिवार ने अपने हाथ से सत्ता निकलने के डर से जनता के अधिकारों को छीन व लोकतंत्र की हत्या कर देश पर आपातकाल थोपा था.
उन्होंने लिखा- अपने सत्ता-स्वार्थ के लिए लगाया गया आपातकाल, कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक और कभी न मिटने वाला कलंक है. उस कठिन समय में अनेक यातनाएँ सहकर लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए लाखों लोगों ने संघर्ष किया. मैं उन सभी देशभक्तों को दिल से नमन करता हूँ.