UP Politics: जातिगत जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी दबाव में है. विपक्ष लगातार जातिगण जनगणना की मांग कर रहा है. बिहार में जाति आधारित सर्वे के बाद विपक्ष को बीजेपी सरकार पर दबाव बनाने का नया हथियार मिल गया है. उत्तर प्रदेश की सियासत में भी जाति जनगणना की मांग हावी है. समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेता शिवपाल सिंह यादव ने केशव प्रसाद मौर्य से इस्तीफे की मांग की है. केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी में पिछड़े वर्ग से सबसे बड़े नेता माने जाते हैं. जाति जनगणना को केशव प्रसाद मौर्य केंद्र सरकार का मुद्दा बताकर टाल जाते हैं.


'केशव प्रसाद मौर्य दें पद से इस्तीफा'


शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बहानेबाजी का आरोप लगाया. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सबसे बड़े पिछड़े नेता की बीजेपी में बात नहीं सुनी जाती है. ऐसी स्थिति में पिछड़े वर्ग के सबसे बड़े नेता को बीजेपी से खुद अलग हो जाना चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे को फौरन स्वीकार करने की अपील की. सपा के वरिष्ठ नेता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुझाव दिया कि केशव प्रसाद मौर्य की जगह पर पिछड़े वर्ग के किसी दूसरे शख्स को मंत्री बनाएं.


शिवपाल सिंह यादव का बड़ा बयान


उन्होंने कहा कि दूसरा मंत्री ऐसा होना चाहिए जो पिछड़े और दलितों के लिए काम करनेवाला हो. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत संकल्प यात्रा को संबोधित करते हुए चार जातियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ चार जातियां गरीब, युवा, किसान और महिला हैं. विपक्ष की मांग का जिक्र किए बिना पीएम मोदी ने कहा कि इन चार जातियों के उत्थान से देश का विकास होगा. लोकसभा चुनाव में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर विपक्ष ने जोर शोर से उठाने का संकेत दिया है. बीजेपी के लिए विपक्ष की धार से पार पाना आसान नहीं होगा. 


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