UP Politics: समाजवादी पार्टी के महासचिव और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की जमकर तारीफ की है. इस दौरान शिवपाल यादव ने ओवैसी को उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाने का ऑफर तक दे दिया. शिवपाल यूपी विधानसभा के मानसून सत्र में शामिल होने के लिए विधानसभा पहुंचे थे. इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए शिवपाल यादव ने ओवैसी को सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से बड़ा और अच्छा नेता बताया.


पत्रकारों के ओवैसी पर उनसे सवाल पूछने पर शिवपाल ने कहा कि ओवैसी साहब बहुत अच्छे आदमी हैं, लेकिन, वह बीजेपी के खिलाफ समाजवादी पार्टी से हाथ कब मिलाएंगे? शिवपाल के इस बयान के बाद ये राजनीतिक गलियारों में ये चर्चाएं तेज हो गई हैं कि आने वाले समय में ओवैसी, विपक्षी पार्टियों के INDIA गठबंधन का हिस्सा हो सकते हैं. इस कदम को समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम के बीच रिश्तों में नरमी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो लंबे समय से आमने-सामने हैं.


सपा और ओवैसी के बीच 36 का आंकड़ा


बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद से ओवैसी और सपा के बीच 36 का आंकड़ा रहा है. साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सपा और एआईएमआईएम के बीच संबंध ठीक नहीं थे. उस समय तत्कालीन अखिलेश सरकार ने औवेसी को कई मौकों पर उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल जिलों जैसे, आजमगढ़, मेरठ, गाजियाबाद, रामपुर और बहराइच में रैलियां करने की अनुमति नहीं दी थी. तब, ओवैसी ने धमकी दी थी कि अगर उन्हें राज्य की राजधानी में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी गई तो वे लखनऊ में सड़कों पर उतरेंगे. 


ओवैसी ने की थी शिवपाल की तारीफ


उस समय रैलियां करने की अनुमति नहीं मिलने के कारण ओवैसी ने एआईएमआईएम के जिला कार्यालयों में बैठकें करने का फैसला किया था. उस समय से ही असदुद्दीन ओवैसी अखिलेश यादव के अत्यधिक आलोचक रहे हैं और वो समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर मुसलमानों को महज वोट बैंक समझने का आरोप लगाते रहे हैं. बता दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी से ज्यादा सपा पर निशाना साधा था. वहीं पलटवार करते हुए सपा ने एआईएमआईएम को बीजेपी की 'बी' टीम बताया था. इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने भी शिवपाल यादव को ऐसा ज़मीनी स्तर से उठा नेता बताया था जो राजनीति को समाजवादी पार्टी के कई लोगों से बेहतर समझता है. 


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