Basti: स्टे की जमीन पर पहले तोड़ा गया मंदिर फिर हुआ अवैध निर्माण, मूकदर्शक बनी रही पुलिस, थानेदार पर गिरी गाज
UP News: स्टे की जमीन पर बने मंदिर को पहले कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने जेसीबी से गिरा दिया इसके बाद जब यह बात विश्व हिंदू परिषद के नेताओं पता चली तो वह पुलिस की नाक के नीचे वहां दोबारा मंदिर बनाने लगे.
Basti News: मंदिर तोड़ने और उसके बाद विवादित स्थल पर दोबारा से मंदिर निर्माण करने के मामले में पुरानी बस्ती थाने के थानेदार योगेश सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. दरअसल कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने पहले एक मंदिर को गिराया फिर उसके बाद विश्व हिंदू परिषद के नेता दबंगई के बल पर वहां मंदिर का निर्माण करवाने लगे, इस पूरी घटना पर बस्ती पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहा, जब यह मामला शासन तक पहुंचा तो पुरानी बस्ती के थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया.
क्या था पूरा मामला
दरअसल, कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने पहले विवादित जमीन पर बने मंदिर को जेसीबी से गिरा दिया, जब यह बात विश्व हिंदू परिषद के नेताओं तक पहुंची तो उन्होंने उस विवादित जमीन पर फिर से मंदिर का निर्माण कराना शुरू कर दिया. बस्ती मंडल के आईजी, एसपी, एडीएम, एडिशनल एसपी, एसडीएम सहित डीएसपी ने खुद मौके पर पहुंचकर मामले का जायजा लिया मगर बिना किसी कोर्ट या प्रशासन के आदेश के हो रहे निर्माण कार्य को नहीं रोका.
बस्ती थाने के थानेदार पर गिरी गाज
जब एक पक्ष ने मामले को लेकर आईजी, एसपी से गुहार लगाई और कहा कि इस जमीन पर विवाद चल रहा है और मामला कोर्ट में है, इसके बावजूद विवादित जमीन पर मंदिर का निर्माण कराया जा रहा तब जाकर प्रशासन के कान खड़े हुए. जब एसपी गोपालकृष्ण चौधरी ने पूरे मामले की सीओ से जांच कराई तो शिकायत को सही पाया, इसके बाद मामले पर कोई कार्रवाई न करने को लेकर पुरानी बस्ती थाने के थानेदार योगेश सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि थाना क्षेत्र पुरानी बस्ती में एक दो मंजिला ढांचा बना हुआ था जिस पर विवाद है और कोर्ट में मामला विचाराधीन है. इसमें एक पक्ष ने ऊपर वाली मंजिल पर एक मंदिर बना रखा था जिसको जेसीबी से तोड़ दिया गया जिसमें स्थानीय थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया, इसमें सीओ सिटी द्वारा प्रकरण की जांच की गई तो पाया गया कि सूचना मिलने पर भी थाना अध्यक्ष पुरानी बस्ती मौके पर नहीं पहुंचे और उन्होंने उच्चाधिकारियों को भी सूचित नहीं किया. मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है, फिलहाल मौके पर शांति व्यवस्था कायम है.
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