गौतमबुद्ध नगर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ मरनेवालों की संख्या भी बढ़ रही हैं. रोज इतनी मौतें हो रही हैं कि अब श्मशान घाट में लड़कियों की भी कमी पढ़ रही है. एक महीने की लकड़ियों का स्टॉक 10 दिन में खत्म हो गया है. जिस को पूरा करने के लिए बाहर से लकड़ियां मुंबई जाने के बाद कहीं जा रही है. 


नोएडा के सेक्टर 94A स्थित एक श्मशान घाट में अंतिम संस्कार में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी का स्टॉक खत्म होने की कगार पर आ चुका है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही हैं कि हॉस्पिटल बेड की भी कमी पड़ गई है. इसी के साथ कोरोना जैसी महामारी से जंग से हारने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ी है.


दरअसल, गौतमबुद्ध नगर में कोरोना से रोज मरनेवाले लोगों की संख्या इतनी आ रही है कि अब लोगों के अंतिम संस्कार में उपयोग में लाए जाने वाली लकड़ियों के भी किल्लत आने की नौबत आ गई है. 1 साल के लिए जमा की गई लकड़ियां 1 महीने में ही खत्म होने की कगार पर है. जहां रोज सात से आठ लोगों की मौत होती थी, वहीं अब 30 से 35 उन लोग मरने के बाद श्मशान घाट जा रहे हैं, जिसके बाद अंतिम संस्कार में इस्तेमाल होने वाली लकड़ियां बहुत तेजी से खत्म होती जा रही हैं. 


प्रदीप वोहरा ने दी ये जानकारी 


जॉइंट सेकेट्री फोनरवा प्रदीप वोहरा से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि लकड़ियां अभी खत्म तो नहीं हुई लेकिन अगर इतनी ही संख्या में रोज लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाएगा तो जल्द ही शेष बचा स्टॉक भी खत्म हो जाएगा. एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में एक कुंटल लकड़ियों का इस्तेमाल होता है. रोजाना लगभग 100 कुंटल लकड़ियां खत्म हो जाती है. फिलहाल हम रोज लकड़ियां कहीं न कहीं से खरीद रहे हैं और अभी बाहर से भी लकड़ियां मंगवाई जाएंगी.


ये भी पढ़ें :-


Lockdown in UP Extended: योगी सरकार ने लिया फैसला, 24 मई तक राज्य में बढ़ा आंशिक कर्फ्यू  


Cyclone Tauktae LIVE: कर्नाटक के तट से टकराया चक्रवात 'तौकते', गुजरात में 17-18 मई को रद्द रहेंगी कई ट्रेनें