UP News: श्रावस्ती (Shravasti) जिले में सरकारी धन के गबन का बड़ा मामला सामने आया है. ऑडिट के दौरान टीम ने 48 मामलों में 3.5 करोड़ से अधिक का घपला पकड़ा है. जांच में पता चला है कि तत्कालीन जिला पंचायत (Zila Panchyat) अध्यक्ष और अधिकारियों ने निर्धारित दर से लाखों रुपये अधिक भुगतान कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया है. श्रावस्ती में ऑडिट टीम (Audit Team) ने जिला पंचायत की तत्कालीन अध्यक्ष, अपर मुख्य अधिकारी, अभियंता के साथ ही वित्तीय परामर्शदाता, लेखाकार, कर संग्राहक और अवर अभियंताओं को जिम्मेदार ठहराया है. टीम ने जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को रिपोर्ट भेजी है.


ऑडिट टीम ने जिला पंचायत के रिकॉर्ड की पड़ताल की तो अनियमितता के कई मामले सामने आए. जिसमें 48 मामलों में गंभीर अनियमितताओं के बारे में जब जिला पंचायत के अधिकारियों से पूछा गया तो वे माकूल जवाब नहीं दे पाए. लेखा परीक्षा अधिकारी ने तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष साक्षी कैराती, अपर मुख्य अधिकारी श्रीकांत दुबे, अभियंता जेएन श्रीवास्तव, लेखाकार शैलेंद्र प्रताप सिंह, जेई कपिलदेव यादव, सहीम अहमद और करण सिंह, कर संग्राहक पंकज सिंह, बाबूराम पांडेय, गंगाराम और लवलेश को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही ब्याज समेत वसूली के लिए मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी है. साक्षी, समाजवादी पार्टी की विधायक इंद्राणी वर्मा की बेटी हैं.


जिला प्रशासन कर रहा आरोपियों का बचाव


वहीं  जिला प्रशासन के अपर मुख्य अधिकारी सुभाष भारतीय का दावा है कि यह कोई घपला नहीं बल्कि केवल ऑडिट रिपोर्ट है. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यह कोई घोटाला नहीं है.  ये घोटाला नहीं था ये आई आपत्तियां थीं. इस दौरान उन्होंने ठेकेदारों को ज्यादा पेमेंट करने की बात को सिरे से खारिज किया. दूसरी ओर जिला पंचायत .सदस्य विजय शुक्ला ने 3 करोड़ 57 लाख के घोटाले को सही करार दिया है. उन्होंने कहा कि पहले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बंदरबांट से लूट की गई है.


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