Shri Krishna Janmabhoomi Case: श्री कृष्णजन्म भूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) मुक्ति निर्माण ट्रस्ट को एक बार फिर से धमकी दी गई है. श्री कृष्ण जन्म भूमि विवाद मामले के मुख्य वादी पक्षकार और श्री सिद्वपीठ माता शाकुम्भरी पीठाधीश्वर व केंद्रीय अध्यक्ष भृगुवंशी आशुतोष पांडेय (Ashutosh Panday) को धमकी दी गई है. इस धमकी में श्री कृष्ण जन्म भूमि और शाही ईदगाह (Shahi Idgah Mosque) विवाद मामले में पैरवी ना करने को कहा गया है. वहीं ऐसे करने पर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.


श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद के पक्षकार आशुतोष पांडेय को धमकी देने वाले ने कहा है कि अगर उन्होंने इस केस की पैरवी करना नहीं छोड़ा तो उन्हें इसका बुरा अंजाम भुगतना होगा. धमकी देने वाला कोई मुस्लिम युवक बताया जा रहा है. ये पहली बार नहीं है जब उन्हें इस तरह की धमकी दी गई है. इससे पहले भी आशुतोष पांडेय को फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई थी. धमकी देने वाले ने खुद को पीएफआई का एजेंट बताया था और कहा था कि अगर उन्होंने मुकदमा वापस नहीं लिया तो उन्हें और उनके परिवार को जान से मार दिया जाएगा. आशुतोष पांडेय ने धमकी मिलने के बाद इस मामले में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई थी और एसएसपी से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की थी.


जानें क्या है जन्मभूमि विवाद 


दरअसल मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा है. इसमें से 10.9 एकड़ जमीन कृष्ण जन्मस्थान के पास है और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. इस विवाद की चर्चा तब शुरू हुई जब अखिल भारत हिंदू महासभा ने ईदगाह मस्जिद के अंदर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापित करने और उसका जलाभिषेक करने का ऐलान किया था. हिंदू पक्ष का दावा है कि काशी और मथुरा में औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी. औरंगजेब ने 1669 में काशी में विश्वनाथ मंदिर तुड़वाया था और 1670 में मथुरा में भगवान केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था. इसके बाद काशी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई. हिन्दू पक्ष का दावा है कि आज जहां पर शाही ईदगाह मस्जिद है वहां पर राजा कंस की कारागाह हुआ करती थी, जहां पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.


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