Shri Krishna Janmabhoomi Dispute: मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत से शाही ईदगाह कमेटी की रीकाल अर्जी के खारिज होने की खबर सुनते ही हिंदूवादी लोगों ने खुशियां मनाई और इसे हिंदू पक्ष की बड़ी जीत बताया है.


श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में वादी दिनेश चंद शर्मा ने श्री कृष्ण जन्म स्थान के सामने मिठाई बांटकर खुशी जताई है. दिनेश शर्मा ने बताया कि पिछली सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम निर्णय लिया था. जिसमें सभी मुकदमों को एक साथ सुनवाई के लिए आदेश दिया था. जिस पर मुस्लिम पक्ष ने उस आदेश को रिकॉल करने के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन लगाई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है. मुस्लिम पक्ष चाहता है कि सभी मामलों की सुनवाई अलग-अलग हो क्योंकि मुस्लिम पक्ष के पास कोई साक्ष्य ऐसा नहीं है. वह केवल इस मामले को लेट करना चाहता है.


"श्रीकृष्ण मंदिर से अवैध कब्जे को हटाने की मांग"
हिंदू पक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए न्यायालय से मांग की थी कि हमारे सभी मुकदमे एक साथ सुना जाए, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि जब सभी केसों के उद्देश्य अलग-अलग है तो उनकी अलग-अलग सुनवाई की जाए. हिंदू पक्ष की तरफ से कहा गया था कि हमारे सभी मुकदमों के उद्देश्य एक ही है जो 1968 में समझौता हुआ था. उसको रद्द कर कर हमारी जमीन को हिंदू पक्ष को वापस किया जाए. सभी मुकदमा का एक ही उद्देश्य है कि भगवान श्री कृष्ण के मंदिर पर अवैध कब्जे को हटाया जाए. आज कोर्ट ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद एक ऐतिहासिक निर्णय दिया है.


उन्होंने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज होने पर श्री कृष्ण जन्मभूमि के गेट पर सभी को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया है. कहा कि, सभी सनातन हिंदू आज बहुत खुश हैं, क्योंकि मुस्लिम पक्ष ने जो आपत्ति दाखिल की थी वह खारिज हो गई है. आने वाले समय में सभी सनातनी हिंदुओं को भरोसा है कि अदालत सबूत के आदेश आधार पर फैसला देगा और हिंदू पक्ष की जीत होगी और अवैध कब्जा कोर्ट के द्वारा कलम की ताकत से जरूर हटेगा. 


सत्य की जीत- वादी
वहीं दूसरी तरफ श्री कृष्ण जन्म स्थान और शाही ईदगह विवाद मामले के वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि, जस्टिस मयंक कुमार द्वारा यह आदेश पास कर दिया गया है कि मुस्लिम पक्ष ने जो रिकॉल एप्लीकेशन लगाई थी उसे रद्द कर दिया गया है. यह अभूतपूर्व आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिया गया है. यह सत्य की जीत है, हम शुरू से कहते रहे हैं की शाही ईदगाह पक्ष के लोग और सुन्नी वक्त बोर्ड के लोग जान बूझकर इस मामले को लटकाने के उद्देश्य से बार-बार एप्लीकेशन लगा रहे थे. यही उद्देश्य इनका इस मैटर में था. अदालत के इस आदेश का हम स्वागत करते हैं. यह हिंदू पक्षकारों की बहुत बड़ी जीत है, यह सत्य की जीत है. अब इसमें 6 नवंबर की तारीख निश्चित की गई है.


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