श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: HC में पूरी नहीं हुई सुनवाई, नमाज पढ़ने के आधार पर जमीन के मालिकाना हक पर हुई बहस
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में हो रही है. कोर्ट में अभी याचिकाओं की पोषणीयता पर ही बहस चल रही है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में याचिकाओं की पोषणीयता पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई मंगलवार को भी पूरी नहीं हो सकी है. सुनवाई में वाद संख्या 4 और वाद संख्या 7 को छोड़कर मुस्लिम पक्ष की बहस दोबारा पूरी हो गई है. इस मामले में गुरुवार यानी 30 मई को आगे की सुनवाई जारी रहेगी. 30 मई को होने वाली सुनवाई में वाद संख्या 4 और वाद संख्या 7 में मुस्लिम पक्ष दोबारा बहस करेगा.
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में हो रही है. हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई, याचिकाओं पर ईदगाह कमेटी ने ऑर्डर 7 रूल्स 11 के तहत आपत्ति जताई है. ईदगाह कमेटी की तरफ से याचिकाओं की पोषणीयता पर सवाल उठाए गए हैं और हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की अपील की गई है. कोर्ट में अभी याचिकाओं की पोषणीयता पर ही बहस चल रही है. हिंदू पक्ष के वकीलों ने मुस्लिम पक्ष पर मामले को बेवजह खींचने का आरोप लगाया है.
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रखी गई ये दलील
मुस्लिम पक्ष की दलील है कि विवादित संपत्ति वक्फ प्रॉपर्टी है, इसलिए इस विवाद का निपटारा वक्फ ट्रिब्यूनल में ही हो सकता है. मुस्लिम पक्ष की यह भी दलील है कि मामला मियाद अधिनियम यानी लिमिटेशन एक्ट से भी बाधित है. जबकि हिंदू पक्ष का कहना है कि किसी भी संपत्ति पर अतिक्रमण करना उसकी प्रकृति बदलना और उसे बिना स्वामित्व के वक्फ संपत्ति के रूप में परिवर्तित करना वक्फ की प्रकृति रही है. इस तरह की प्रथा की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इस मामले में वक्फ अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे, क्योंकि विवादित संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं है.
हिंदू पक्ष की दलील है कि विवादित स्थल पर जबरन कब्जा करने के बाद नमाज अदा करना शुरू किया गया. सिर्फ नमाज पढ़ने के आधार पर जमीन का चरित्र नहीं बदला जा सकता. दलील दी गई है कि विचाराधीन संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं है, इसलिए अदालत को ही इस मामले में सुनवाई का अधिकार है.
गौरतलब है कि हिंदू पक्ष की याचिकाओं में विवादित परिसर को भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि बताकर उसे हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की गई है और वहां पूजा पाठ की इजाजत दिए जाने की अपील की गई है. अयोध्या विवाद की तर्ज पर इलाहाबाद हाईकोर्ट मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद को जिला अदालत के बजाय सीधे तौर पर सुन रहा है. हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल की गई 18 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है. ज्यादातर अर्जियों में विवादित स्थल हिंदुओं को दिए जाने की मांग की गई है.