(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mathura News: श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने किया ईदगाह और संपूर्ण जन्मस्थान भूमि पर दावा, अदालत में याचिका दाखिल
Shahi Idgah Mosque Case: ट्रस्ट का मानना है कि ईदगाह पक्ष जिस कथित समझौते का हवाला देते हुए अपने कब्जे की बात करता है, वह कभी भी इसके लिए अधिकृत ही नहीं किया गया.
Shri Krishna Janmabhoomi Trust: वाराणसी की ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे के बीच अब मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने पहली बार ईदगाह समेत पूरे जन्मस्थान पर अपना दावा किया है. ट्रस्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में शुक्रवार को ईदगाह समेत सम्पूर्ण जन्म स्थान परिसर की भूमि पर अपना दावा करते हुए सिविल न्यायाधीश सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया. इस वाद को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. ट्रस्ट ने ईदगाह पक्ष के कथित समझौते का हवाला देते हुए वाद दायर किया है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी विनोद कुमार बिंदल और ओमप्रकाश सिंघल ने यह दावा पेश किया. जन्मभूमि की ओर से पेश हुए अधिवक्ता महेश चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बताया कि अदालत ने वाद स्वीकार कर लिया है, लेकिन यह मामला भी जिला न्यायाधीश के माध्यम से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ही सुनवाई के लिए भेज दिया जाएगा, जिससे वहां पहले से भेजी गई श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद संबंधी अन्य याचिकाओं के साथ इस मामले की भी सुनवाई की जा सके.
श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने दायर किया वाद
ट्रस्ट की ओर से वकील महेश चतुर्वेदी ने बताया कि ट्रस्ट का मानना है कि ईदगाह पक्ष जिस कथित समझौते का हवाला देते हुए अपने कब्जे की बात करता है, वह (श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ, जो अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से जाना जाता है) कभी भी इसके लिए ट्रस्ट द्वारा अधिकृत ही नहीं किया गया, उसे किसी तीसरे पक्ष से समझौता करने का अधिकार ही नहीं है.
गौरतलब है कि जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से पहली बार यह स्पष्ट किया गया है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से मंदिर परिसर की देखरेख, साफ-सफाई, रखरखाव आदि व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन सेवा संघ द्वारा कथित तौर पर अनाधिकृत रूप से वर्ष 1968 में शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी से भूमि पर काबिज रहने को लेकर समझौता कर लिया गया.