Ram Mandir Inauguration: अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर और परिसर में बने अन्य छह मंदिरों के लिए पुजारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. नियुक्ति के बाद इनका 6 माह का प्रशिक्षण होगा और फिर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद इन्हीं में से अर्चक पुजारी की नियुक्ति की जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया के पूरा होने के पहले ही श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी समेत कुछ साधु संतों ने इसमें अपने-अपने संशोधन और सुझावों को लेकर मांग उठा दी है. आइए जानते हैं अर्चक भर्ती प्रक्रिया को लेकर इनकी क्या मांग है और अर्चक भर्ती प्रक्रिया में पात्रता के क्या मानक हैं और इस पर राम मंदिर ट्रस्ट का क्या कहना है?
दरअसल श्री राम जन्मभूमि मंदिर के पूजा विधि विधान का विस्तार होने के साथ अर्चकों की आवश्यकता भी बढ़ जाएगी. इसके लिए श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने अयोध्या की 84 कोसी परिधि में रहने वाले लोगों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे. जिसके लिए 3000 लोगों ने आवेदन किए थे और इनमें से मेरिट के आधार पर लगभग 200 लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था. साक्षात्कार के बाद 20 लोगों के चयन की बात कही जा रही है. शेष बचे लोगों में से भी कुछ लोगों को बुलाकर दूसरे राउंड का साक्षात्कार होगा और उसमें से भी कुछ लोगों का चयन किया जाएगा.
अर्चक भर्ती पर उठ रहे सवाल
अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने श्री राम मंदिर ट्रस्ट को सुझाव देते हुए कहा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में विरक्त परंपरा के लोगों को ही अर्चक के रूप में रखा जाए, ऐसे लोग जिनकी शादी न हुई हो. वहीं अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले जगतगुरु परमहंस आचार्य की मांग है कि अर्चकों की नियुक्ति सभी जातियों और वर्गों से की जाए क्योंकि श्री राम सभी को लेकर साथ रहे और चले थे. जबकि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा दिए जाने वाले अर्चक प्रमाण पत्र और इसके महत्व पर सवाल उठाया है.
जाति के आधार पर नहीं होगा चयन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय ने साफ कर दिया है कि श्री राम मंदिर में अर्चक का चयन जाति के आधार पर नहीं किया जा रहा है. ट्रस्ट का कहना है कि अर्चक के लिए जाति महत्वपूर्ण नहीं है. अभ्यर्थी विद्वान और वेद का ज्ञात होना चाहिए, जिसे कर्मकांड और पूजा के विधि विधान की पूरी जानकारी हो. राम मंदिर ट्रस्ट के पक्ष के बाद भी कुछ सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं और उनके जवाब भी जल्दी ही मिल जाएंगे.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता का कहना है कि पुजारी के लिए योग्यता की जरूरत है, जाति से कोई मतलब नहीं है. पुजारी विद्वान होना चाहिए जो वेद का ज्ञाता हो, जिसको पूजा पाठ पद्धति की जानकारी हो. अब इसमें जो लोग आ जाएंगे उनका चयन होगा. 20 लोगों को अब तक इसमें से छांटा गया है. जिनको हमारे कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी जी ने योग्य समझा है. अब प्रशिक्षण के बाद यह सब अपना काम करेंगे.
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