Electricity Bill in Noida and Greater Noida: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने राज्य के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों द्वारा बिजली के बिल के नाम पर उपभोक्ताओं के उत्पीड़न की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मंगलवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से नोएडा और ग्रेटर नोएडा की बहुमंजिला इमारतों में सिंगल प्वाइंट को मल्टी प्वाइंट में नहीं बदले जाने के कारण बिल्डरों द्वारा बिल के नाम पर उपभोक्ताओं के साथ लूट-खसोट की शिकायत की.
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि सिंगल पॉइंट कनेक्शन से मल्टी पॉइंट कनेक्शन के सम्बन्ध में विद्युत नियामक आयोग द्वारा पारित नियमों और आदेशों के बाद भी बिजली कम्पनियों की उदासीनता के चलते बड़े पैमाने पर बिल्डरों द्वारा मनमानी वसूली करके उपभोक्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है. इस सिलसिले में उपभोक्ताओं की अनेक शिकायतों को बिजली मंत्री के सामने रखा गया. उन्होंने बताया कि बिल्डर नियामक आयोग द्वारा जारी नियमों को अनदेखी करते हुए जेनरेटर सेट और बिजली का मूल्य एक ही में जोड़ कर खूब लूट मचा रहे हैं. बिल्डरों की वसूली की पूरी प्रक्रिया का सीएजी ऑडिट कराया जाय तो बड़ा घोटाला सामने आएगा.
वर्मा ने बताया कि उन्होंने ऊर्जा मंत्री को साक्ष्य सौंपते हुए आरोप लगाया कि बिजली कम्पनियों के कुछ उच्चाधिकारी बिल्डरों से साठगांठ किये हुए हैं. चाहे नोएडा पावर कंपनी का मामला हो या पश्चिमांचल बिजली निगम का मामला हो या किसी अन्य बिजली निगम का मामला हो बिल्डर मनमानी वसूली कर रहे हैं और कोई सुनने वाला नहीं है. ऐसे में सरकार को फौरन हस्तक्षेप करना चाहिए.
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उठाया ये कदम
वर्मा ने बताया कि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखित निर्देश भेजते हुए कहा कि बिल्डरों द्वारा उपभोक्ताओं के उत्पीड़न पर बिजली कम्पनियों को सख्त निर्देश भेजे जाएं. पश्चिमांचल और नोएडा पावर कंपनी के प्रबंध निदेशकों को भी यह निर्देश भेजने का आदेश दिया कि उपभोक्ता परिषद् द्वारा सौपी गयी सभी शिकायतों पर अविलम्ब कार्यवाही करते हुए उपभोक्ताओं को न्याय दिलाया जाय.
उपभोक्ता परिषद ने यह भी मुद्दा उठाया कि सिंगल पॉइंट कनेक्शन से मल्टी पॉइंट कनेक्शन के वर्तमान प्रचलित कानून को और उपभोक्ता हित में सरल बनाने के लिए उसमे संशोधन की आवश्कता है. जल्द ही उपभोक्ता परिषद् इस दिशा मे नियामक आयोग को प्रस्ताव देगा.
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