(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shrikant Tyagi News: 'गालीबाज' नेता श्रीकांत त्यागी को मिली जमानत, नोएडा की सोसाइटी में महिला से अभद्रता का मामला
नोएडा (Noida) के ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी (Omaxe Society) में महिला से अभद्रता करने वाले श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) को तीन मामलों में जमानत मिल गई है.
Shrikant Tyagi News: नोएडा (Noida) के ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी (Omaxe Society) में महिला से अभद्रता करने वाले श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) को गाली गलौज के मामले में जमानत मिल गई है. हालांकि गैंगस्टर वाले मामले में जमानत अभी नहीं मिली है. श्रीकांत त्यागी के वकील सुशील भाटी ने इस बारे में जानकारी दी है. जानकारी के मुताबिक, श्रीकांत त्यागी को आईपीसी की धाराओं 354, 420 और गाली गलौज के मामले में जमानत मिली है. श्रीकांत त्यागी पर चार मुकदमे दर्ज थे, जिसमें से तीन में अब जमानत मिल गई है.
दरअसल, पांच अगस्त को श्रीकांत त्यागी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एक महिला को गाली-गलौज देता नजर आ रहा था. मामले के तूल पकड़ने के बाद त्यागी के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. केस दर्ज होने के बाद त्यागी फरार चल रहा था. पुलिस ने उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई कर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था. उसकी तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें लगाई गई थीं, आखिरकार उसे मेरठ से पकड़ कर जेल भेज दिया गया.
श्रीकांत त्यागी के वकील सुशील भाटी ने कही ये बात
श्रीकांत त्यागी के वकील सुशील भाटी ने कहा, 'मेरे मुवक्किल की गिरफ्तारी अवैध है. सत्र न्यायालय ने उन्हें तीन मामलों में बरी कर दिया है. उस पर झूठा आरोप लगाया गया है. हम सत्र अदालत में अपील करेंगे कि मेरा मुवक्किल निर्दोष है.'
सांसद महेश शर्मा ने लगाए थे आरोप
नोएडा के सांसद महेश शर्मा ने इस मामले में आरोप लगाते हुए कहा, "पिछले दिनों उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली हुआ, जिसमें मेरे नाम पर विचार चल रहा था. राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कुछ लोगों का मकसद मुझे विवादों में लाना था, ताकि प्रदेश स्तर पर कोई जिम्मेदारी मुझे नहीं मिल पाए."
सांसद ने कहा कि सोसाइटी में हंगामे की सूचना पर पार्टी के आला नेताओं ने फोन करके उन्हें तत्काल मौके पर जाने के लिए कहा था. स्थानीय लोगों ने पहले ही छह लोगों को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘त्यागी समाज का इस पूरे प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं था. यह मुद्दा केवल श्रीकांत तक सीमित था, ना तो मैंने श्रीकांत पर गैंगस्टर कानून लगाने के लिए कहा और ना ही सोसाइटी में घुसने वाले युवकों को गिरफ्तार कराया था. दोनों काम पुलिस ने किए हैं. इस पूरे मामले में मैंने एक जनप्रतिनिधि के रूप में ही कार्रवाई की थी. मैंने पूरी बात बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचाई है."
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