UP News: बीजेपी द्वारा केंद्र से लेकर अलग-अलग प्रदेशों में नए सिरे से सदस्यता अभियान को शुरू किया जा चुका है. इसी क्रम में मंगलवार को बीजेपी काशी क्षेत्र के पदाधिकारी बीजेपी के पूर्व विधायक और दिग्गज नेता श्याम देवराज चौधरी दादा के आवास पर पहुंचकर उन्हें नई सदस्यता ग्रहण कराई. हालांकि यह तस्वीर इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि अभी एक दिन पहले ही विधानसभा नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने भी बीजेपी पूर्व विधायक श्याम देव राय चौधरी के घर जाकर उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना था और तभी से अनेक सियासी अटकलों का दौर तेज हो गया था.


आज बीजेपी की तरफ से काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिल्ली पटेल, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय सहित अन्य भाजपा नेताओं ने भाजपा के 7 बार विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी के घर पहुंच कर उन्हें बीजेपी की नई सदस्यता ग्रहण कराई. अब भाजपा नेताओं के दादा के घर पहुंचने को लेकर इसलिए भी चर्चाओं का दौर तेज हो चुका है क्योंकि अभी एक दिन पहले ही विधानसभा नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने दादा के घर जाकर उनसे मुलाकात की और स्वास्थ्य का  हाल-चाल जाना. 


UP Politics: CM योगी के DNA वाले बयान पर अखिलेश यादव बोले- 'जितना कम बोलें उतने में ही...'


इस वह से तेज हुई अटकलें
बीते 24 घंटे में विशेष तौर पर वाराणसी में इस बात की भी अटकलें लगाई गई थी कि कहीं दादा आने वाले समय में अन्य दल के साथ तो नई जिम्मेदारी नहीं निभाने जा रहे हैं. ऐसा इसलिए भी की क्योंकि 2017 दक्षिणी विधानसभा से टिकट कटने के बाद श्याम देवराय चौधरी सक्रिय राजनीति से पूरी तरह दूर हो गए. शहर में इस बात की खूब चर्चा रही की  2017 में भले दादा का टिकट काट दिया गया हो लेकिन सात बार से विधायक रहे दादा को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे. ऐसे में सपा नेता से मुलाकात के कुछ ही देर बाद बीजेपी नेताओं का दादा के आवास पर पहुंचकर उन्हें नई सदस्यता दिलाना भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है. 


वाराणसी के आठ विधानसभा सीटों में से दक्षिणी विधानसभा सीट खास तौर पर बीजेपी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कही जाती है. इसी विधानसभा में सबसे प्रमुख काशी विश्वनाथ धाम है और यह सीट लगातार भाजपा के कब्जे में रही है. यहां से ही सात बार से बीजेपी के विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी उर्फ दादा की नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेताओं से मुलाकात काफी सुर्खियों में है. इस क्षेत्र में विभिन्न राज्यों से आए हुए लोगों के वोटरों का खास प्रभाव है.


मंगलवार को भी दादा के प्रभावशाली व्यक्तित्व की चर्चा लोगों के जुबान पर रहती है. 2017 में उनका टिकट काटकर डॉ. नीलकंठ तिवारी को दिया गया जो 2017 और 2022 में यहां से विधायक चुने गए हैं. निश्चित ही वर्तमान राजनीतिक उठा पटक को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी खासतौर पर इस विधानसभा में कोई भी चूक नहीं चाहेगी.