वाराणसी: सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है और काशी में विदेशी मेहमान साइबेरियन बर्ड का आगमन हो चुका है. ये विदेशी पक्षी घाटों की रौनक को और बढ़ा रहे हैं. इसके साथ ही नौका विहार करने वालो के आकर्षण का केंद्र भी बन रहे हैं.


नौका विहार को बना रहे खुशनुमा
काशी आए और नौका विहार नहीं किया तो शायद काशी का भ्रमण अधूरा रह जाता है. अगर आप काशी भ्रमण के लिए पहुंचे हैं तो ऐसा निश्चित है कि विदेशी पक्षियों की चहचहाहट आपको लुभाएगी. काशी की गंगा में विदेशी मेहमान पहुंच चुके हैं. ये विदेशी मोहमान पर्यटकों को भी खूब लुभा रहे हैं.


खुश हैं पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग
मौसम जब रंगीन ठंड का हो तो घाट काशी आने वालों की पहली पसंद रहते है. लोग नौका विहार करते हैं. नौका विहार के समय साइबेरियन पक्षियों की चहचहाहट से ऐसा लगता है कि काशी से इन पक्षियों का सदियों का नाता है. एक आवाज पर ये पक्षी उड़कर पास चले आते हैं. लोग इन्हें चारा खिलाते हैं और उत्साह प्रकट करते हैं. इनके आगमन के साथ ही पर्यटन से जुड़े लोगों को उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में पर्यटन की तस्वीर बदलेगी.


काशी पहुंचेंगे पर्यटक
कोरोना के चलते पर्यटन प्रभावित हुआ है. इस वक्त वाराणसी पर्यटन का पीक सीजन होता है लेकिन व्यवसाय में कुछ खास उत्साह नहीं नजर आ रहा. विदेशी पर्यटक अभी भी काशी में उतने नहीं है जितने हर साल होते थे. पर्यटन व्यवसायी इन विदेशी पक्षियों के आगमन से ये उम्मीद जता रहे हैं कि जिस तरह ये सात समंदर पार से आकर आकर्षण बढ़ा रहे हैं. जल्द ही विदेशी नागरिक एक बार फिर से काशी के आकर्षण को देखने आएंगे.



सर्दियों में हर साल होता है इनका आगमन
भले ही कोरोना ने पूरी दुनियां पर कहर बरपाया हो लेकिन इन पक्षियों की उड़ान ने कोरोना को पीछे छोड़ दिया है. शायद यही वजह है कि विदेशों से इंसान भले भी काशी न पहुंच रहे हों लेकिन ये पक्षी काशी की गंगा में सबको आकर्षित कर रहे हैं. सर्दियों की शुरआत के साथ ही ये मेहमान आते हैं और सर्दियां खत्म होते ही चले भी जाते है. इस बार भी विदेशी पक्षी काशी पहुंचे हैं और लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं.



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