Kanpur News Today: कानपुर में ठंडक ने दस्तक देना शुरू कर दिया. मौसम बदलते ही सात समंदर पार करके हजारों किलोमीटर सफर तय कर विदेशी मेहमान कानपुर पहुंचने लगे हैं. इसके बाद मेहमानों को देखने के लिए यहां पर पर्यटकों का आगमन भी बढ़ गया है. 


कानपुर प्राणी उद्यान में ठंडक शुरू होते ही विदेशों से हजारों की संख्या में विदेशियों पक्षी का आना शुरू हो गया है. इन विदेशी मेहमानों का जू प्रबंधन और सैलानियों को बेसब्री से इंतजार रहता है. इन पक्षियों की अठखेलियों को निहारने के लिए लोग प्राणी उद्यान पहुंचते हैं.


सात समंदर पार से पहुंचे मेहमान
ये साइबेरियन पक्षी बड़ी तादाद में कानपुर प्राणी उद्यान में विचरण के लिए पहुंचते हैं. ठंडक के मौसम यहां के प्राकृतिक जंगल उनकी सबसे पसंदीदा जगह होती है. ठंडक में हजारों का किलोमीटर का लंबा सफर तय करके प्रजनन के लिए साइबेरियन पक्षी यहां पहुंचते हैं. 


कानपुर प्राणी उद्यान अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए मशहूर है. सात समंदर पार से मेहमानों में ओपन बिल स्टॉर्क, पेंटेड स्टॉर्क, कारमोरेंट, बार हेडेड जैसे कई विदेशी पक्षी यहां पहुंचते हैं. हर साल सर्दियों की दस्तक के साथ ये कानपुर आने लगते हैं. 


प्रजनन के लिए पहुंते हैं ये पक्षी
दरअसल, ये मध्य एशिया से आने वाले पक्षी सर्दियों में प्रजनन करने पहुंचते हैं. इनके लिए ये प्रजनन का सबसे अनुकूल समय माना जाता है. सर्दी का मौसम शुरू होते ही ये पक्षी कानपुर प्राणी उद्यान में पहुंच जाते हैं और ठंडक खत्म होते ही ये वापस लौट जाते हैं. ठंडक शुरू होते ही अभी से यहां हजारों की संख्या में वन्य जीव यहां पहुंच चुके हैं. 


इस दौरान साइबेरिया से आने वाले अलग-अलग प्रजाति के खास मेहमान कानपुर के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं. ठंडक में कानपुर प्राणी उद्यान में सैलानियों की आमद बढ़ जाती है. 


साइबेरिय पक्षियों के अनुकूल मौसम
कानपुर प्राणी उद्यान के फॉरेस्ट ऑफिसर नावेद इकराम ने बताया कि लंबे समय ये पक्षी सर्दियों के मौसम में कानपुर प्राणी उद्यान पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि इसकी वजह यह है कि यहां झील और वातावरण किसी जंगल से कम नहीं है. 


फॉरेस्ट ऑफिसर नावेद इकराम के मुताबिक, ठंडक में प्राणी उद्यान में पक्षी को एक अनुकूल माहौल मिलता है. जिसकी वजह से वे यहां पर प्रजनन करते हैं, इसके लिए उद्यान में पक्षी अपने बच्चों के लिए घोंसला भी तैयार करते हैं. 


पक्षियों के लिए खास इंतजाम
कानपुर प्राणी उद्यान के फॉरेस्ट ऑफिसर नावेद इकराम ने बताया कि इन पक्षियों के बच्चे फरवरी के अंत में उड़ने योग्य हो जाते हैं और मार्च के शुरुआत में ये अपने बच्चों के संग अपने देश वापस उड़ जाते हैं. इस दौरान यहां पर पक्षियों के अनुकूल भोजन की व्यवस्था की जाती है.


ये भी पढ़ें: UPPSC Exam Date: यूपीपीसीएस परीक्षा की नई तारीख का ऐलान, इन दिन दो पालियों में होगा एग्जाम