Siddharthnagar News: सिद्धार्थनगर जिले में एंबुलेंस फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. सरकारी अस्पतालों में अपने संसाधनों से पहुंचे मरीजों को 102 और 108 एंबुलेंस सेवा का लाभार्थी बता दिया गया. फर्जी मरीजों की संख्या दिखाकर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी ने बकायदा भुगतान भी करा लिया. मामले की जांच शुरू होने पर अधिकारियों के होश उड़ गए. एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी सरकार से धोखाधड़ी कर रही थी.


मरीजों की जगह आशा वर्करों का मिला फोन नंबर


लिस्ट में मरीजों के नाम और फोन नंबर गलत दर्ज किया गया है या फिर आशा वर्करों का नंबर डाल दिया गया है. कुछ नंबरों से कॉल करने पर लोगों ने जालौन जिले के उरई निवासी बताया. आशा वर्करों ने सरकारी एंबुलेंस से मरीज को ले जाने की खबर का खंडन किया. फोन पर उन्होंने स्वीकार किया कि सूचा में नंबर गलत तरीके से डाल दिया गया है. 102 और 108 एम्बुलेंस के नोडल अधिकारी डॉक्टर शेषभान गौतम मामले की जांच कर रहे हैं.


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एंबुलेंस फर्जीवाड़ा मामले की गहराई से हो रही जांच


उन्होंने बताया कि अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि कितने मरीजों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है. जांच के क्रम में मरीजों का पता भी नहीं चल पा रहा है. मामले की गहराई से जांच की जा रही है. उन्होंने माना कि सूची में दर्ज फोन नंबर ज्यादातर गलत हैं और मामला काफी गंभीर है. धोखाधड़ी की रिपोर्ट इकट्ठा की जा रही. कार्यवाही पूरी होने के बाद भ्रष्टाचार का पूरी तरह पर्दाफाश होगा. 


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