UP News: देश में एक ओर जहां युद्ध स्तर पर रिकॉर्ड वैक्सीनेशन के दावे किए जा रहे हैं वहीं इन दावों की पोल स्वास्थ्य महकमा के सिस्टम खोल रहे है. दरअसल यूपी के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद सिद्धार्थनगर से कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी एक बहुत ही अजीबोगरीब खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि यहां स्वास्थ्य विभाग ने 4 महीने पहले जून में गुजर चुके व्यक्ति को वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लगाया है. लोटन सीएचसी के अंतर्गत इस तरह के दो मामले सामने आए है,जिससे ये साफ साबित हो रहा है कि टीकाकरण की फिडिंग में कुछ गड़बड़ है.


मृतक को लगाई गई कोरोना की दूसरी डोज


दरअसल लोटन क्षेत्र में एक व्यक्ति के मोबाइल फोन में आए मैसेज के आधार पर एक ऐसे वृद्ध को वैक्सीन की दूसरी डोली लगाने की बात लिखी गई है जिनकी 4 महीने पहले ही मृत्यु हो चुकी है. इस मैसेज से परिजन परेशान है कि चार महीने पहले उनके नाना की मृत्यु हो चुकी है फिर उनका टीकाकरण कैसे हो गया. वहीं दूसरी तरफ इसी क्षेत्र के एक और व्यक्ति के पास भी कोरोना वैक्सीन की दूसरी लगवाने का मैसेज आया है. जबकि उस व्यक्ति ने दूसरी डोज लगवाई ही नहीं है.


ये है पूरा मामला


बता दें कि लोटन क्षेत्र के ग्राम डफालीपुर निवासी सत्यनारायण सिंह का निधन 10 जून को हो गया है. 3 जुलाई को उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है. बावजूद इसके उनके नाती अंकुर सिंह के मोबाइल फोन पर 16 नवंबर को मैसेज आया पी सत्यनारायण सिंह को कोविशिल्ड की दूसरी डोज लगा दी गई. उन्होंने बताया कि गांव के स्कूल में आयोजित कोविड-19 टीकाकरण शिविर में उनके बाबा को 4 अप्रैल को टीके की पहली डोज लगाई गई थी तो उनका मोबाइल नंबर दर्ज किया गया था. उन्होंने सोशल मीडिया में शेयर पोस्ट में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. वहीं इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.


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