नई दिल्ली, एबीपी गंगा। गोपीनाथ मुंडे, अनिल माधव दवे, अटल बिहारी वाजपेयी, अनंत कुमार, मनोहर पर्रिकर, सुषमा स्वराज और अब अरुण जेटली। बीजेपी के ये कद्दावर नेता अब इस दुनिया में नहीं है। पिछले कुछ सालों में गोपीनाथ मुंडे से लेकर सुषमा स्वराज तक बीजेपी को इन नेताओं के चले जाने से बड़े झटके लगे। कहना गलत नहीं होगा कि बीजेपी के लिए इन नेताओं की भरपाई करना आसान नहीं होगा। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन की खबर ने भी बीजेपी नेताओं को अंदर से झकझोर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमित शाह तक तमाम नेता सुषमा स्वराज को याद कर रहे हैं। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
साल 2014 से लेकर 2019 तक... पिछले लगभग पांच सालों में बीजेपी ने इन बड़े नेताओं को खोया है।
गोपीनाथ मुंडे (3 जून 2014)
साल 2014 में पहली बार बीजेपी ने अपने दम पर सरकार बनाई थी। मोदी सरकार बने कुछ ही दिन हुए थे कि एक हादसे में केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की निधन की खबर ने सबको स्तब्ध कर दिया। 3 जून 2014 को जब केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे दिल्ली से मुंबई जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंच रहे थे, उससे पहले ही उनका सड़क हादसा हो गया। इस हादसे में मुंडे की जान नहीं बचाई सकी।
अनिल माधव दवे (18 मई 2017)
मोदी सरकार में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का निधन 18 मई 2017 को हुआ था। 61 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया। काफी प्रयासों के बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
अटल बिहारी वाजपेयी (16 अगस्त 2018)
बीजेपी के सबसे बड़े नेताओं में से एक भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में अलग ही मुकाम हासिल किया था। बीजेपी के पहले प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी काफी समय से बीमार चल रहे थे। वो राजनीति से संन्यास ले चुके थे। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। लंबी बीमारी के बाद एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली।
अनंत कुमार ( 12 नंवबर 2018)
मोदी सरकार के एक और मंत्री अनंत कुमार का 59 वर्ष की आयु में 12 नवंबर 2018 को निधन हो गया था। अनंत कुमार कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। कर्नाटक के बेंगलुरु साउथ से सांसद अनंत कुमार का निधन बेंगलुरु के अस्पताल में ही हुआ।
मनोहर पर्रिकर (17 मार्च 2019)
सादगी की मिसाल पेश करने वाले मनोहर पर्रिकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे। मोदी सरकार में उन्हें अहम रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी भी दी गई थी। बेहद ईमानदार मनोहर पर्रिकर ने पैंक्रियाटिक कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बाद 63 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। पर्रिकर की सादगी की गोवा ही नहीं बल्कि देश के लोग भी दिवाने थे। मुख्यमंत्री रहते हुए वो कई बार स्कूटी से भी निकल जाते थे। इसलिए उन्हें स्कूटी वाला मुख्यमंत्री भी कहा जाता था।
सुषमा स्वराज (6 जुलाई 2019)
प्रखर वक्ता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात निधन हो गया। सुषमा स्वराज 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। बता दें कि सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं।
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