रायबरेली: जहां एक तरफ ऑटो चालकों के बेतरतीब वाहन चलाने से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं, वहीं दूसरी तरफ वे नो एंट्री में भी पुलिस के सामने पुलिस को ही ठेंगा दिखाते हुए अपने मनबढ़ होने का पुख्ता सबूत देने से भी बाज नही आते हैं. चाहे नो एंट्री हो या फिर डायवर्जन. पुलिस के निर्देश व सख्ती के बाद भी ऑटो चालक नियम तोड़कर उसमें घुसने का प्रयास करते हैं लेकिन रायबरेली के सिंघम सीओ सिटी अंजनी चतुर्वेदी का कहर इस समय दबंग व नियम तोड़ने वाले ऑटो चालकों पर बरपा रहा है. यही कारण है की ऑटो चालकों में जहां हड़कंप मचा हुआ है, वहीं आम जनमानस में खुशी की लहर देखी जा रही है.


दबंगई पर उतारू हैं मनबढ़ ऑटो चालक


बीते दिन रतापुर चौराहे पर एडीजी जोन के आने से रतापुर से गल्ला मंडी रोड पर अस्थायी नो एंट्री जोन बनाया गया था और सभी वाहनों को उधर जाने से रोका गया था. लेकिन एक मन बढ़ ई-रिक्शा चालक नो एंट्री जोन में घुस गया. पुलिस के मना करने पर पुलिस को ही आंखे दिखाते हुए जाने का प्रयास करने लगा. मौके पर सीओ सिटी डॉ अंजनी कुमार चतुर्वेदी भी मौजूद थे. उन्होंने भी उस ऑटो चालक को रोकने का प्रयास किया. जब नहीं माना तो सीओ सिटी ने सख्ती का प्रदर्शन करते हुए उसे रोका तब कहीं जाकर उस मनबढ़ ई रिक्शा चालक के मन में पुलिस का भय दिखा. नहीं तो जिस तरह पुलिस को ठेंगा दिखाकर यातायात के नियमों को तोड़ रहा था, उससे यही लग रहा था कि रायबरेली के ई रिक्शा ऑटो चालक पूरी तरह दबंगई पर उतारू हैं.


सिंघम के सख्त रवैये से आम जन मानस में खुशी की लहर


आए दिन यात्रियों के साथ ऑटो चालकों की दबंगई व जबरदस्ती ज्यादा पैसे लेने की बातें सामने आती रहती हैं. यदि कोई यात्री उनके मुताबिक पैसे नहीं देता तो उसके साथ मारपीट तक पर आमादा हो जाते हैं और यूनियन बनाकर पीड़ित के खिलाफ खड़े हो जाते हैं. लेकिन रीयल सिंघम की सख्ती के आगे ऑटो चालकों की मन बढ़ई बिल्कुल भी नहीं चली. सीओ सिटी अंजनी सिंघम बनकर सड़क पर उतर चुके हैं. जो भी आटो रिक्शा चालक बेतरतीबी व दबंगई दिखाता है उसे पहले सिंघम समझाते हैं, उसके बाद भी नियम तोड़ता है तो उसे पुलिस की ताकत का भी अहसास कराते हैं. सिंघम के सख्त लहजे व पुलिस की सतर्कता से आम जनमानस काफी खुश हैं. सभी के जुबान पर एक ही चर्चा है कि यदि अनुशासन इसी तरह बना दिया जाए तो आए दिन हो रही दुर्घटनाएं व जो यात्रियों को अपमानित होना पड़ता है उससे आम जनमानस बच जाएगा.


आए दिन हो रही दुर्घटनाओं में होगी कमी


ऑटो व ई रिक्शा चालक शहर की सड़कों पर फर्राटे भरते दिखाई देते हैं. उनकी मन बढ़ई का आलम यह है कि वह जहां चाहते थे अचानक अपने ई-रिक्शा को रोक देते थे, जिससे पीछे आने वाले दुपहिया व चार पहिया वाहन वाहनों को भी अचानक ब्रेक लगाने पड़ते थे. कट मार किनारे से ई-रिक्शा वो ऑटो निकालते समय अक्सर चार पहिया वाहनों में खरोचियां जाते थे और मना करने पर या विरोध करने पर यह ऑटो चालक यूनियन बनाकर खड़े हो जाते थे, लेकिन सिंघम के कोंबो पैक से ऑटो चालक या तो कानून का पाठ पढ़कर सुधर रहे हैं या फिर सड़कों से गायब हो रहे हैं.