राकेश टिकैत ने सिंघु बॉर्डर पर हत्या को बताया केंद्र की साजिश, बोले- आंदोलन खत्म कराना चाहती है सरकार
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सिंघु बॉर्डर पर हुई निर्मम हत्या को केंद्र सरकार की साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को खत्म कराना चाहती है.
Singhu Border Murder Case: सिंघु बॉर्डर पर हुई युवक की निर्मम हत्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. राकेश टिकैत ने इसे केंद्र सरकार की साजिश बताया है. हालांकि, उन्होंने इस घटना को गलत बताया है. टिकैत ने कहा कि हम कभी भी इसका समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन जिन्होंने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. वह सभी पुलिस की हिरासत में है और रिमांड पर हैं.
टिकैत ने आगे कहा, "सिंघु बॉर्डर पर हुई किसान की निर्मम हत्या दर्शाता है कि भारत सरकार षड्यंत्र कर रही है. सरकार लोगों को आपस में लड़ाने का काम कर रही है. बॉर्डर पर जांच एजेंसी के अधिकारी किसानों के भेष में हमारे बीच रह रहे हैं, लेकिन उनके रहते हुए भी अगर इस तरह के हत्याकांड हो रहे हैं. तो कहीं ना कहीं इसमें भारत सरकार का हाथ जरूर है. सिंघु बॉर्डर पर पिछले चार-पांच महीने पहले ही इस बात को कहा गया था कि सरकार आंदोलन खत्म करवाना चाहती है. सरकार इस तरह के षड्यंत्र रच रही है जिससे आंदोलन खत्म हो जाए."
"अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग करते रहेंगे"
टिकैत ने दोहराया कि वे गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग करते रहेंगे. टिकैत ने कहा कि हम पिछले कई दिनों से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. जब तक उनसे इस्तीफा नहीं ले लिया जाएगा तब तक हम ऐसे ही मांग करते रहेंगे. क्योंकि जब तक वह मंत्री रहेंगे तब तक जांच निष्पक्ष रुप से नहीं हो सकती है. जब तक वह मंत्री रहेंगे तब तक आरोपियों से गेस्ट हाउस में पूछताछ की जाएगी. जब तक वह मंत्री रहेंगे तब तक आरोपियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाएगा. इसीलिए हम चाहते हैं कि उनसे जल्द से जल्द इस्तीफा ले लिया जाए.
"लोगों को परेशान नहीं करना चाहते"
उधर रेल रोको आंदोलन को लेकर टिकैत ने कहा कि हम लोगों को परेशान नहीं करना चाहते हैं. टिकैत ने कहा कि जिन ट्रेनों को रोकने की बात कर रहे हैं उनमें से ज्यादातर ट्रेन तो सरकार ने पहले से ही बंद की हुई हैं. जो ट्रेनें चल रही हैं उनका किराया बेहद ज्यादा महंगा कर दिया गया है जिसके चलते आम लोग सरकारों की चल रही ट्रेनों में सफर नहीं कर सकते हैं. यह जनता की लड़ाई है. आने वाले समय में जिस तरह से लगातार प्राइवेट हाथों में सरकारी तंत्र को दिया जा रहा है. ऐसे में महंगाई का बढ़ना और बेरोजगारी का लगातार बढ़ना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है.
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