Sisamau सीट पर इरफान सोलंकी की पत्नी के खिलाफ बीजेपी उतार सकती है ये चेहरा! मिलेगा 2022 की हार का बदला?
बीजेपी ने अभी अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है लेकिन जल्द ही प्रत्याशी का नाम साफ होगा. फिलहाल सीसामऊ सीट का चुनाव रोमांचक होने वाला है
Sisamau VidhanSabha ByPolls 2024: यूपी में होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशियों के नाम में बीजेपी की देरी विपक्ष के लिए चुनावी समीकरण को बदल सकती है इसी देरी में कानपुर की सीसामऊ सीट भी शामिल है दस में से 9 सीटों पर उपचुनाव होने हैं कानपुर की सीसामऊ सीट पर सपा प्रत्याशी उतार चुकी है. हालांकि इसी सीट पर लंबे समय से सपा ने सोलंकी परिवार पर ही भरोसा रखा है और इस बार भी सोलंकी परिवार से नसीम सोलंकी को उतारा है लेकिन इस सीट पर सपा का खेल बिगाड़े के लिए बीजेपी सीसामऊ पर दलित चेहरे को उतार सकती है.
जिस तरह मुस्लिम मतदाता सपा के लिए निर्णायक भूमिका निभाते हैं वहीं इस सीट पर दलित मतदाताओं की भी बड़ी संख्या है और दलित प्रत्याशी के उतरने से बीजेपी सपा का खेल खराब कर सकती है. बीजेपी इस सीट पर कोई दलित प्रत्याशी उतारती है तो दलित वोट में वो अपनी पकड़ मजबूत कर लेगी. ब्राह्मण मतदाता बीजेपी के साथ ही माना जाता है. वहीं बीजेपी का फ़िक्स वोटर का वोट बीजेपी के खाते में ही जाना तय है क्योंकि पिछली बार विधान सभा चुनाव में बीजेपी सपा से महज 12 हजार वोट से हारी थी.
12 हजार मतदाताओं पर है बीजेपी की नजर
कानपुर में हुए साल 2022 के विधान सभा चुनाव में सपा ओर बीजेपी के बीच अंतर 12 हजार वोट का था जिसमें बीजेपी की हार और सपा की जीत हुई थी क्योंकि बीजेपी को इस सीट से दलित वोट सही से नहीं मिला था. बसपा के प्रत्याशी ने भी इस सीट पर अच्छी संख्या में दलित वोट काटे थे.कांग्रेस प्रत्याशी ने भी दलित वोट काटे थे ऐसे एक बड़ी संख्या अलग अलग दलों में बिखरी थी लेकिन इस नए दांव से खेल कर सकती है बीजेपी क्योंकि बीजेपी अगर दलित प्रत्याशी उतारेगी तो दलित का झुकाव उस प्रत्याशी की ओर होगा. बीजेपी उपेंद्र पासवान को मैदान में ला सकती है दलित चेहरा है और विधायक भी अपनी से में अगर सीसामऊ में दलितमेदान में उतरा तो बीजेपी के समीकरण ठीक हो सकते हैं.
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बीजेपी ने अभी अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है लेकिन जल्द ही प्रत्याशी का नाम साफ होगा फिलहाल सीसामऊ सीट का चुनाव रोमांचक होने वाला है. विधायक इरफान सोलंकी के जेल होने से भी इस चुनाव में फर्क दिखाई पड़ेगा और पत्नी नसीम का राह अकेले आसान नहीं है. अब देखना है की पारंपरिक सीट पर सपा का कब्जा नसीम कायम रखती है या बीजेपी विधायक से बात सपा के किले सेंध लगा देगी , प्रत्याशियों की उम्मीद ओर पार्टी का अनुमान इन सब से ऊपर है मतदाता का मतदान अब देखन है इस इस सीट पर वोटर का मन क्या हुआ.