(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
रेमडेसिविर इंजेक्शन घोटाले में कार्रवाई, फार्मासिस्ट-सिस्टर समेत कई अन्य पर गिरी गाज
कानपुर के सरकारी अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर हुए घोटाले में प्रशासन ने कार्रवाई की है. जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद फर्मासिस्ट, सिस्टर व वॉर्ड ब्वाय पर सख्त एक्शन लिया गया है.
Action in Remdesivir Injection scam in Kanpur : कानपुर के हैलट अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य डॉ संजय काला ने दो फार्मासिस्ट और एक सिस्टर इंचार्ज को निलम्बित कर दिया. वहीं, संविदा पर तैनात 60 से 70 वार्ड ब्वॉय, नर्स और सफाईकर्मियों को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है. मामले में किसी भी डॉक्टर की लापरवाही नहीं पायी गयी, जबकि डॉक्टर की सिफारिश पर ही इंजेक्शन जारी किए जाते हैं.
काला बाजारी में वॉर्ड ब्वॉय गिरफ्तार हुआ था
आपको बता दें कि, कोविड की दूसरी लहर के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की जबरदस्त कमी देखने को मिली. आलम यह था कि इंजेक्शन ब्लैक में कई गुना दामों पर बेचा जा रहा था. इस दौरान हैलट अस्पताल के एक वार्ड ब्वॉय को पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद जब कोरोना के मामले कम होने शुरू हो गए तो यह बात सामने आयी कि, हैलट अस्पताल में मुर्दों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी करा लिए गए. कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें मरीज की मौत के कई दिनों बाद तक उनको लगाने के लिए इंजेक्शन इश्यू किए जाते रहे.
सीडीओ ने की मामले की जांच
मुर्दों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने का मामला सामने आने के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हड़कम्प मच गया. आनन फानन में शासन ने मामले का संज्ञान लेकर तत्कालीन मेडिकल कॉलेज प्रिन्सिपल से रिपोर्ट तलब की, जिसके बाद हैलट अस्पताल में कोविड मरीजों के सभी रिकॉर्ड प्रिन्सिपल ने जमाकर जांच के आदेश दिए. जिसके बाद डीएम ने मामले की जांच सीडीओ को सौंपी.
फार्मासिस्ट, सिस्टर पर गिरी गाज
सीडीओ ने अपनी जांच में पाया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के आवंटन में गड़बड़ी की गयी. इस रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल डॉ संजय काला ने दो फार्मासिस्ट नागेन्द्र बाजपेई ,संजीव सिंह व सिस्टर इंचार्ज अंजुलिका मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है. इनका एक साल का इंक्रीमेंट रोकना का भी फैसला लिया गया है. वहीं, संविदा पर तैनात 60-70 सिस्टर, वार्ड ब्वॉय औऱ सफाई कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने का फैसला लिया गया है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय काला का कहना है कि जांच केमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाएगा.
ये भी पढ़ें.
विश्व जनसंख्या दिवस' पर 'जनसंख्या नीति 2021-30' जारी करेंगे सीएम योगी, कर सकते हैं बड़ा ऐलान