IAS Viral Video: आईएएस इफ्तिखारुद्दीन (Iftekharuddin) के मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी (SIT) के प्रभारी सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीणा कानपुर (Kanpur) पहुंच गए हैं. सर्किट हाउस में उन्होंने टीम के सदस्य एडीजी कानपुर जोन भानु भास्कर से मुलाकात कर आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो और उनके द्वारा लिखी गई किताबों की जांच शुरू की. एसआईटी ने धर्म परिवर्तन कराने वाले कुछ लोगों से भी पूछताछ की. इससे पूर्व डीजी जीएल मीणा ने मामले की जांच के लिए एसपी विनोद मिश्रा, एडिशनल एसपी समीर सौरभ, डीएसपी महेंद्र पाल सिंह और 3 इंस्पेक्टर की स्पेशल टीम गठित की थी.


सीनियर आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन यूपीएसआरटीसी में चेयरमैन के पद पर तैनात हैं. करीब 5 साल पहले जब वह कानपुर के कमिश्नर पद पर तैनात थे तो अपने सरकारी आवास पर धर्म संबंधी बैठक करते थे. हाल ही में ऐसी बैठकों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वायरल वीडियो की एसआईटी से जांच कराने के आदेश दिए थे जिसके बाद सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीणा की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई. 


एसआईटी को 7 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी है


शासन के आदेश के दूसरे ही दिन डीजी जीएल मीणा एसआईटी की टीम लेकर कानपुर पहुंच गए. यहां उन्होंने मुख्यतः दो बिंदुओं पर जांच शुरू की है. सूत्रों का कहना है कि वायरल वीडियो में आईएएस धर्म प्रचार कर रहे हैं या धर्मांतरण करा रहे हैं? इसकी जांच की जानी है. आईएएस के तौर पर क्या कोई अधिकारी किसी पद पर रहते हुए किसी धर्म विशेष का प्रचार प्रसार कर सकता है? क्या सर्विस रूल्स इसकी अनुमति देते हैं? इसकी विभागीय जांच भी की जा रही है.


एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन से संबंधित तमाम वीडियो मिले हैं जिनकी फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी. वीडियो में मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन उर्दू और अरबी भाषा में बोलते दिख रहे हैं, इसलिए भाषा का हिंदी अनुवाद भी कराया जाएगा. एसआईटी को 7 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी है.


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