UP Madrassa News: गोंडा में मिले 305 अवैध मदरसे, बंद करने की सिफारिश,एसआईटी जांच में हुआ ये खुलासा
Uttar Pradesh Illegal Madrassa: एसआईटी ने अपनी जांच में गोंडा जिले में 305 मदरसों को अवैध बताया है. इनमें से 50 मदरसे सरकारी जमीन पर संचालित हो रहे हैं.
Illegal Madrassa in Uttar Pradesh: यूपी सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में संचालित मदरसों की जांच के लिए एक एसआईटी जांच टीम बनाई गई थी. पूरे प्रदेश में संचालित मदरसों की जांच करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे. एसआईटी जांच टीम द्वारा पूरे प्रदेश में जांच की गई तो बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से बिना मान्यता संचालित 13 हजार के करीब मदरसे मिले हैं.
गोंडा में भी एसआईटी जांच
गोंडा जिले में भी शासन द्वारा गठित एसआईटी टीम द्वारा जिले में संचालित मदरसों की जांच की गई तो 305 मदरसे बिना मान्यता के अवैध रूप से संचालित मिले हैं. इन मदरसों के पास ना तो कोई मान्यता का कागज है ना ही कहीं से यह रजिस्टर्ड है और धड़ल्ले से अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. इन मदरसों को बंद करने की सिफारिश एसआईटी टीम द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट देकर के यूपी सरकार से की गई है. माना जा रहा है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवैध रूप से संचालित मदरसों को बंद करते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
305 मदरसे अवैध
दरअसल गोंडा जिले में संचालित हो रहे इन मदरसों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है. एसडीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा की गई जांच में भी 305 मदरसे बिना मान्यता के अवैध रूप से संचालित मिले थे. जिसकी रिपोर्ट शासन को जिला प्रशासन द्वारा भेज दी गई थी लेकिन जांच होने के बावजूद भी धड़ल्ले से गोंडा जिले में 305 मदरसे बिना मान्यता के अवैध रूप से अभी भी चल रहे हैं.
जिले में बिना मान्यता के संचालित मदरसे सरकारी जमीन पर और निजी भूमि पर संचालित हो रहे हैं. लेकिन ज्यादातर बिना मान्यता वाले यह मदरसे सरकारी भूमि पर ही संचालित है ऐसे में सरकारी जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा करके बनाए गए मदरसों के खिलाफ भी जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
आय की जानकारी नहीं दे पाए मदरसे
गोंडा जिले में कई ऐसे मदरसे भी संचालित हो रहे हैं जिन्होंने जांच टीम को अपना आय का स्रोत्र नहीं बताया है और यह भी मदरसे बिना किसी मान्यता के ही संचालित हो रहे है. इन मदरसों के खिलाफ अब सुरक्षा एजेंसियों द्वारा भी कार्यवाही किए जाने की तैयारी की की जा रही है कि आखिर यह मदरसे कि आय के स्रोत के माध्यम से संचालित किया जा रहे थे.
क्या है सरकारी जवाब
वहीं जब पूरे मामले को लेकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिले में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संबंध में शासन द्वारा प्राप्त निर्देश के क्रम में जांच कराई गई थी. जिसमें मदरसे और मकतब मदरसे 305 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाए गए थे जिनकी सूची शासन को प्रेषित कर दी गई है.
इन मदरसों के खिलाफ कार्यवाही करने का निर्णय शासन द्वारा लिया जाना है। और मकतब मदरसों को वर्तमान में बाईफ़्रीकेट किया जा रहा जहां रिलिजियस शिक्षाएं दी जा रही है। रिलिजियस शिक्षा देने वाले गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मकतब मदरसों में रखा जाएगा. जहां पर पठन-पाठन सुचारू रूप से चल रहा है उनके द्वारा कोई सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है। वही मदरसे की श्रेणी में गिने जाएंगे शासन के निर्देश के क्रम में ही आगे की कार्यवाही की जाएगी.
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