कानपुर. कानपुर में हुये बिकरू कांड की जांच करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है. इसके तहत टीम रविवार को बिकरू गांव पहुंची. इससे पहले कानपुर के जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी व एसएसपी दिनेश कुमार पी भी बिकरू गांव पहुंचे हैं. आपको बता दें कि राज्य की योगी सरकार ने कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे द्वारा किये गये इस जघन्य हत्याकांड की जांच के लिये शनिवार को तीन सदस्यीय एसआईटी गठन किया है. ये टीम विकास दुबे के जुर्म के साम्राज्य की जड़े टटोलेगी. ये पता करेगी विकास दुबे जैसे अपराधी को कौन बचाता रहा.
प्रदेश सरकार ने आईएएस अफसर संजय भूसरेड्डी की अगुवाई में तीन सदस्यों की एक टीम बनाई है. इनमें रेड्डी के अलावा दो आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैं. इससे पहले विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने रविवार को बताया कि एआईटी दल जांच के लिए बिकरू गांव जाएगा.
बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे नें 8 पुलिसवालों को मार दिया था
गौरतलब है कि कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए बिकरू गांव में दबिश देने गये पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया गया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। भूसरेड्डी ने एजेंसी को बताया कि एसआईटी दल बिकरू गांव :घटनास्थल: जाएगा, जहां गोलीबारी हुई थी.
उन्होंने इस बारे में और ब्यौरा देने से इनकार कर दिया. आपको बता दें कि कानपुर मामले की जांच एसआईटी से कराने का शनिवार को निर्णय लिया गया था.
अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया था कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. अवस्थी ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है. उन्होंने बताया कि एसआईटी 31 जुलाई, 2020 तक जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएगा.
(एजेंसी के इनपुट से)
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