शाहजहांपुर, एजेंसी। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के बीच एसआईटी ने भाजपा नेता पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली लॉ छात्रा और उसके तीन मित्रों पर रंगदारी के प्रकरण में मामला दर्ज किया है।


एसआईटी सूत्रों ने बताया कि चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगानेवाली लड़की पर भी रंगदारी, आपराधिक धमकी एवं साक्ष्य गायब करने के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। चिन्मयानंद के वकील के मुताबिक चिन्मयानंद की जमानत अर्जी शनिवार अदालत में नहीं दी जा सकी क्योंकि स्थानीय वकील हड़ताल पर थे। ये वकील शाहजहांपुर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से संबद्ध करने की मांग कर रहे हैं।


उधर एसआईटी सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को संजय सिंह, सचिन सेंगर और विक्रम उर्फ दुर्गेश के साथ जिस अनाम व्यक्ति (मिस ए) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, वह दरअसल खुद विधि की छात्रा ही है।


सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। एसआईटी ने इसी मामले में संदिग्ध के रूप में एक अनाम महिला का जिक्र किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया था।


एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने बताया कि संजय, सचिन और विक्रम ने रंगदारी मामले में अपने शामिल होने की बात स्वीकारी है। रंगदारी मामले में नाम शामिल होने के बाद युवती ने कहा, 'मेरा रंगदारी मामले से कोई लेना देना नहीं है। मुझे लगता है कि बलात्कार के आरोप को हल्का करने के लिए ये सब नाटक किया जा रहा है।'


अरोड़ा ने बताया कि एसआईटी ने मोबाइल कॉल के डिजिटल डिटेल और टोल टैक्स प्लाजा के फुटेज हासिल किये हैं। उन्होंने बताया, ‘‘हमें पता लगा है कि लड़की शाहजहांपुर से बरेली गयी। उसके बाद शिमला और फिर दिल्ली चली गयी। उसके बाद वह राजस्थान के दौसा में मिली।’’


अरोड़ा ने बताया कि एक जनवरी 2019 से लड़की ने संजय से लगभग 4200 बार बात की। उसने चिन्मयानंद से लगभग दो सौ बार बात की। लड़की और संजय के बीच मैसेज के आदान प्रदान की भी पड़ताल की गयी है। उन्होंने बताया, ‘‘विवेचना अभी जारी है। हमारे पास 90 दिन का समय है। हम कोई साक्ष्य छोड़ना नहीं चाहते हैं। नियमित विवेचना जारी रहेगी।’’


इस बीच चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने बताया कि स्थानीय वकीलों की हड़ताल के कारण जमानत की अर्जी अदालत में शनिवार को नहीं लगायी जा सकी।