Mohammed Zubair Case: फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को सीतापुर कोर्ट ने 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा
Mohammed Zubair Case: पत्रकार और ‘ऑल्ट न्यूज़’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को आज दिल्ली पुलिस ने सीतापुर की एक अदालत में पेश किया. अदालत ने जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
Mohammed Zubair Case: पत्रकार और ‘ऑल्ट न्यूज़’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को आज दिल्ली पुलिस ने सीतापुर की एक अदालत में पेश किया. जुबैर पर हिंदू संतों के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने और धार्मिक भावना भड़काने का आरोप है. सीतापुर के न्यायिक दंडाधिकारी ने मोहम्मद जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दिल्ली पुलिस बाद में जुबैर को वापस दिल्ली ले गई. मोहम्मद ज़ुबैर 27 जून से दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में हैं. गिरफ्तारी धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में हुई थी.
मोहम्मद जुबैर सीतापुर की अदालत में पेश
जुबैर पर धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है. इससे पहले 1 जून को हिंदू संत-महात्माओं को नफरत फैलाने वाला बताने पर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ सीतापुर पुलिस ने खैराबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी. अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) एम पी सिंह ने बताया कि सीतापुर पुलिस ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ खैराबाद में दर्ज एक मामले की पेशी वारंट जारी किया था और आज सीतापुर अदालत में पेश किया गया.
एएसपी ने दिल्ली पुलिस को कहा शुक्रिया
एएसपी ने कहा कि अब पुलिस हिरासत के लिए अदालत में आवेदन किया गया है और अदालत के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने दिल्ली पुलिस को सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. सिंह ने तीन 3 को बताया था कि हिंदू शेर सेना के जिलाध्यक्ष भगवान शरण की तरफ से 1 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा-67 में जुबैर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई.
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उन्होंने बताया कि शरण ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि मोहम्मद जुबैर ने 27 मई को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- शाबाश विनीत जैन, टाइम्स. प्राथमिकी के मुताबिक जुबैर ने आगे लिखा कि ‘‘ज्ञानवापी मस्जिद पर चल रहे विवाद के संबंध में जब हमारे पास पहले से ही एंकर हैं, जो न्यूज़ स्टूडियो से कहीं बेहतर काम कर सकते हैं तो हमें यति नरसिंहानंद सरस्वती या महंत बजरंग मुनी या आनंद स्वरूप जैसे नफरत फैलाने वाले लोगों की क्या जरूरत है जो एक समुदाय विशेष के खिलाफ बोलने के लिए धर्म संसद आयोजित करते हैं.’’ गौरतलब है कि पत्रकार मोहम्मद जु़बैर बीजेपी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा और साधुओं को 'नफरत फैलाने वाले' कहने के बाद चर्चा में आए थे.