Uttar Pradesh News: स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के हुए तबादलों के चलते उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सीतापुर जिला अस्पताल (Sitapur District Hospital) और जनपद के सभी सीएचसी, पीएचसी पर बहुत असर पड़ा है. सीतापुर जिला अस्पताल में कुल 38 डाक्टरों के पद सृजित हैं जिसमें से 7 डाक्टरों के तबादले हो गए हैं, अब कुल 14 डाक्टर ही जिला अस्पताल में बचे हैं. जिस अस्पताल में प्रतिदिन हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं और पहले भी जिला अस्पताल में इतने कम डाक्टर होने के बाद मरीज लगातार दर-बदर भटकते रहते थे, अब देखना ये होगा कि 14 डाक्टरों के सहारे जिला अस्पताल हजारों मरीजों का इलाज कैसे करेगा.
जिला अस्पताल में डाक्टरों के तबादलों में शामिल डा. जेएन सिंह-फिजीशियन, डा. एम.के. प्रजापति-स्किन, डॉ. ब्रजेश कुमार-स्किन, डा. पी.के. गोयल-इमरजेंसी, डॉ. अभय स्वरूप-आंख के चिकित्सक, डॉ. पी.के. सिंह-आंख के चिकित्सक, डा. विजय वर्मा-बाल रोग विशेषज्ञ हैं.
महिला अस्पताल और सीएचसी-पीएचसी में भी कमी
इसी तरह जिला महिला अस्पताल में डॉक्टरों के कुल 16 पद सृजित हैं जिनमें दो के तबादले हो गए हैं. एक डॉक्टर आ रहे हैं और एक डॉक्टर का पद अभी खाली है. जिला महिला अस्पताल में कुल 15 चिकित्सक ही हैं. बात करें जिले की सभी सीएचसी और पीएचसी की तो सभी सीएचसी, पीएचसी में कुल 289 डाक्टरों के पद सृजित हैं जिनमें से 54 डॉक्टरों की तैनाती पहले से ही नहीं थी, उसके बाद 28 डाक्टरों के और तबादले हो गए. अब सीएचसी और पीएचसी में कुल 207 डाक्टर ही बचे हैं.
सीएमएस ने क्या कहा
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आर के सिंह ने बताया कि शासन के 30 जून को जारी हुए आदेश में चिकित्सालय के सात चिकित्सकों का ट्रांसफर हुआ है. इसमें हमारे फिजिशियन, बाल रोग चिकित्सक, चर्मरोग विशेषज्ञ, आंख के डॉक्टर हैं. इन सात लोगों के जाने से हमारे अस्पताल की व्यवस्था थोड़ी डिस्टर्ब जरुर हुई है लेकिन एक फिजिशियन हमारे पास पहले से ही हैं. एक डॉक्टर से हम काम चलाते रहेंगे बाकि इमरजेंसी में भी हमारे डॉक्टर रहेंगे. हमारी सेवाए चलती रहेंगी. बाल रोग विशेषज्ञ में हमारे यहां से डॉक्टर विजय वर्मा का ट्रांसफर हुआ है लेकिन बाल रोग विशेषज्ञ एके सिंह और एसएन त्रिपाठी यहां पहले से ही तैनात हैं तो हम काम चला लेंगे.
सीएमएस ने आगे कहा कि, ये कहना बिल्कुल सही है कि, डॉक्टरों के चले जाने से थोड़ा बहुत डिस्टर्बेंस तो जरुर आएगी. यहां पर सात चिकित्सकों का ट्रांसफर हुआ है और चार चिकित्सक आने वाले हैं. आने वाले किसी भी चिकित्सक ने अभी ज्वॉइन नहीं किया है. आशा करते हैं कि इस हफ्ते के आखिर तक लोग ज्वॉइन कर लेंगे. तब हमारी व्यवस्था थोड़ी अच्छी हो जाएगी. पहले से भी यहां डॉक्टरों की थोड़ी कमी है. हमारे डॉक्टरों को इमरजेंसी पोस्टमार्टम भी करना पड़ता है. एक दिन में करीब चार इमरजेंसी पोस्टमार्टम में व्यस्त हो जाते हैं. बाकी जो डॉक्टर बचते हैं उन्हीं से ओपीडी और इनडोर सेवाएं संचालित की जाती हैं, फिर भी हम मैनेज कर लेंगे अभी इस तरह की कोई कमी दिखाई नहीं पड़ रही है.