Sitapur: सीतापुर में मौसम बदलने के साथ बढ़ी बीमार बच्चों की संख्या, जिला अस्पताल में हुई बेड की कमी
इलाज के लिए बेड नहीं मिलने की वजह से बच्चे को फर्श पर ही लेटाना पड़ा. महिला 15 मिनट तक फर्श पर बुखार उतारने के लिए बच्चे की पट्टी करती रही. गनीमत रही कि डॉक्टर के आने पर महिला को बेड उपलब्ध हो गया.
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UP News: सीतापुर में मौसम बदलने के साथ बीमारियों का दौर जारी है. मौसमी बीमारियां जैसे मलेरिया, वायरल फीवर बच्चों को चपेट में ले रही है. जिला अस्पताल का चिल्ड्रेन वार्ड बीमार बच्चों से भरा हुआ है. बीमार बच्चों के कारण बेड की संख्या कम पड़ रही है. आलम ये है कि एक बेड पर 2 से 3 बच्चों का इलाज चल रहा है. चिल्ड्रेन वार्ड में बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या काफी है. बीमार बच्चों की तादाद बढ़ने से परिजन और जिला अस्पताल दोनों ही परेशान हैं. एक मां बेड न मिलने की वजह से बच्चे को अस्पताल के फर्श पर लिटाने को मजबूर हो गई. महिला ने बताया कि बच्चे के एक माह से बुखार आ रहा है. तमाम तरह की जांच के बाद बच्चे को जिला अस्पताल लाई हूं.
जिला अस्पताल में बच्चों के लिए कम पड़ रहे बेड
इलाज के लिए बेड नहीं मिलने की वजह से बच्चे को फर्श पर ही लेटाना पड़ा. महिला 15 मिनट तक फर्श पर बुखार उतारने के लिए बच्चे की पट्टी करती रही. गनीमत रही कि डॉक्टर के आने पर महिला को बेड उपलब्ध हो गया. हालांकि बेड पर पहले से ही दो बच्चों का इलाज हो रहा है. सीएमएस प्रभारी डॉ डीके गंगवार ने बताया कि इस वक्त मौसम में बदलाव होने के चलते बच्चों को बुखार आ रहा है. बुखार के साथ मलेरिया ने भी रफ्तार पकड़ी है.
इलाज के दौरान एक सप्ताह में 8 बच्चों की मौत
ठीक होने में बच्चों को 5 से 7 दिन तक का समय लगता है. इस सप्ताह इलाज के दौरान 8 बच्चों की मौत हो चुकी है. डॉक्टरों का कहना है कि मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. मलेरिया मच्छर के काटने से होता है. इसलिए घर या आसपास मच्छरों को पनपने का मौका न दें. मच्छर के काटने से बचाव का प्रयाप्त इंतजाम होना चाहिए. तेज बुखार के साथ ठंड लगना मलेरिया का लक्षण होता है.
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