Sitapur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीतापुर (Sitapur) जिला जेल में दुराचार के आरोप में बंद एक कैदी की शुक्रवार को इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई. जिसके बाद नाराज जेल के बंदियों ने खाना नहीं खाया. साथ ही जिला जज, जिलाधिकारी और एसपी को जेल में बुलाने की जिद पर अड़ गए. कैदियों को मनाने के लिए पहले जेल प्रशासन ने तमाम प्रयास किया फिर एसडीएम सदर गौरव रंजन श्रीवास्तव ,सीओ सिटी सुशील कुमार सिंह पहुंचे लेकिन उनकी भी बात नहीं मानी. जिसके बाद एडीएम राम भरत तिवारी, एएसपी एनपी सिंह कैदियों को मनाने के लिए सीतापुर जिला कारागार पहुंचे और रात करीब 1:30 बजे यह सभी अधिकारी बाहर आए.


जानकारी के मुताबिक सीतापुर का रहने वाला बबलू कैदी बीते तीन सालों से जिला जेल में बंद था. जेल अधीक्षक सुरेश सिंह के मुताबिक शुक्रवार की सुबह उसके पेट में दर्द उठा, जिसे इलाज के लिए जेल के अस्पताल ले जाया गया और उसे दवा दी गई, लेकिन उसे कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद उसे जिला अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया और उसकी मौत हो गई. 


परिजनों ने लगाया ये आरोप 
परिजनों ने जिला जेल के प्रशासन पर मारपीट का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि जेल में कोई डॉक्टर नहीं है जबकि जेल के अंदर करीब 2000 कैदी निरुद्ध फार्मासिस्ट कैदियों का इलाज करता है. इसको लेकर कैदी नाराज हैं. मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर मारपीट करने का आरोप लगाया. जेल से बाहर निकले अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी एनपी सिंह ने बताया कि साथी कैदी की मौत से दुखी कुछ कैदियों ने खाना नहीं खाया था लेकिन अब सभी कैदी खाना खाएंगे. फार्मासिस्ट को हटाकर जेल में डॉक्टर को तैनात किया जाएगा. कैदी की हुई मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. 


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