Sitapur News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब काशी, अयोध्या और मथुरा की तर्ज पर सीतापुर के नैमिष धाम को भी संवारने का काम करेगी. 88 हजार ऋषि मुनियों और महर्षि दधीचि की तपोभूमि मां ललिता देवी पावन धाम को वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू कर हो गई है. सीतापुर जिला प्रशासन के जरिए तैयार मास्टर प्लान का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पिछले दिनों प्रस्तुतिकरण हुआ. इसके बाद सीतापुर जिलाधिकारी अनुज सिंह ने फेज वाइज नैमिष और मिश्रिख के विकास कार्यों को कराने का एक खाका तैयार कर लिया है.


84 कोसीय और पंच कोसीय परिक्रमा में शामिल होते हैं श्रद्धालु


नैमिषारण्य तीर्थ तक पहुंचने के लिए जल्द लखनऊ से एक इलेक्ट्रिक बस और हेलीकॉप्टर की सेवा भी शुरू की जाएगी. आपको बता दें कि नैमिष धाम के विकास को लेकर पूर्व में तमाम घोषणाएं हुईं लेकिन अमल नहीं हो सका. इस धाम में प्रतिवर्ष 84 कोसीय और पंच कोसीय परिक्रमा होती है, जिसमें देश-विदेश से लाखों साधु संत और परिक्रमार्थी भाग लेते हैं. फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से पूर्णिमा होलिका दहन तक परिक्रमा होती है और मेला लगता है.


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लाखों की संख्या में भक्त मां ललिता देवी मंदिर में शीश नवाते


अमावस्या पर्व पर लाखों श्रद्धालु चक्रतीर्थ और गोमती नदी में स्नान कर पुण्य लाभ कमाते हैं. नवरात्रि पर्व पर लाखों की संख्या में भक्त मां ललिता देवी मंदिर में शीश नवाते है, मुण्डन संस्कार भी नैमिष की धरती पर होते हैं. पितृदर्पण के लिए देश ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में आकर लोग श्राद्ध व तृर्पण करते हैं. मान्यता है कि सीतापुर में पिण्डदान के बाद ही पितरों को मुक्ति मिलती है. नैमिष को अष्टम बैकुण्ठ भी माना जाता है.


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कहा जाता है कि विश्व की सबसे बड़ी धर्म संसद लगी थी. नैमिषारण्य के चक्रतीर्थ को मध्य केन्द्र माना जाता है. वेदप व्यास ने नैमिष धाम में ही पुराणों की रचना की थी. ऐसी भी मान्यता है 84 कोसीय परिक्रमा की सबसे पहले शुरुआत भगवान श्रीराम ने की थी, जहां-जहां  रुके थे वही बाद में 11 पड़ाव माने गए. कहा जाता है कि हत्याहरण तीर्थ में ब्रम्ह हत्या से मुक्ति के लिए भगवान राम ने स्नान किया था. ऐसी भी मान्यता है कि पांडव जब अज्ञात वास के लिए निकले थे, तब कुछ दिनों के लिए नैमिष धाम क्षेत्र में ही ठहरे थे.


यही वह भूमि है जहां देवताओं को याचक बनकर महर्षि दधीचि के पास आना पड़ा था. वृत्तासुर दैत्य के बध के लिए महर्षि दधीचि ने अपनी अस्थियों का दान किया था. नैमिष धाम के विकास के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट भी किए हैं. फेज वाइज विकास के तैयार मास्टर प्लान पर जिलाधिकारी अनुज सिंह ने एबीपी गंगा संवाददाता पंकज सिंह गौर को जानकारी दी.