Ayodhya News: राम मंदिर से जुड़ी विभुतियों को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस बार पद्म सम्मान से सम्मानित किया गया. इनमें श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, राम मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथत, आचार्य कुणाल रिटायर्ड आईपीएस, सुप्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय रहीं साध्वी ऋतंभरा का नाम शामिल हैं.
सोमपुरा को वास्तुकला, द्रविड़ को साहित्य शिक्षा और साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्य, वैद्यनाथन को पब्लिक अफेयर्स और वासुदेव कामत को कला क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म सम्मान के लिए चयनित किया गया है. साध्वी ऋंतभरा को पद्म भूषण जबकि अन्य चार लोगों को पद्मश्री से विभूषित करने का निर्णय लिया गया है. 61 वर्षीय साध्वी ऋतंभरा प्रखर वक्ता एवं आध्यात्मिक विभूति के रूप में जानी जाती है. साध्वी ऋतंभरा 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन का अहम किरदार रहीं.
पिछले साल 28 दिसंबर को चिर निद्रा में लीन आचार्य कुणाल सेवानिवृत्त आइपीएस तथा धर्म, आध्यात्म एवं समाजसेवा के क्षेत्र की बड़ी विभूति थे. न्यास के जरिए उन्होंने घटना में नौ अस्पतालों की स्थापना की एवं अयोध्या में रामलला के दर्शनार्थियों के लिए निशुल्क राम रसोई का संचालन कर रहे थे. वह तीन प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में अयोध्या सेल के प्रमुख रहे. आचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में भी राम मंदिर के पक्ष में महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराए थे. वह रामलला के छठे पक्षकार भी रहे और उनकी पुस्तक' अयोध्या रिविजिटेड' साक्ष्य के रूप में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी.
रामलला प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त निकालने वाले पंडित होंगे सम्मानित
रामलला प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री मूल रूप से दक्षिण भारत के रहने वाले है, लेकिन काशी में रहते हैं. ग्रह-नक्षत्र, योग, चौघड़िया के विषय में उनकी समझ अत्यंत गहरी है. गणेश्वर शास्त्री की काशी में शास्त्र शाला है, जहां शास्त्र कर्मकांड की विधियां सिखाई जाती है. इसी तरह वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा की गणना अपने क्षेत्र में दिग्गज के रूप में होती है. उन्होंने राम मंदिर के अनुकृति पौने चार दशक पहले की गढ़ ली थी.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथ अधिवक्ताओं के उस समूह महत्वपूर्ण सदस्य थे, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर का पक्ष प्रस्तुत किया था. वासुदेव कामत का नाम देश के सुप्रसिद्ध चित्रकारों में शुमार है, उनकी प्रतिभा राम मंदिर के निर्माण के क्षितिज पर शिखर का स्पर्श कर रही है. करोड़ों भक्तों की आस्था के केंद्र के रूप प्रतिष्ठित रामलला की प्रतिमा वस्तुतः वासुदेव कामत की परिकल्पना पर आधारित है.
ये भी पढ़ें: मौनी अमावस्या से पहले राम मंदिर ट्रस्ट ने आस-पड़ोस के श्रद्धालुओं से की बड़ी अपील, कहा- 15-20 दिन बाद आएं अयोध्या