(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sky Walk: रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और मेट्रो स्टेशन को जोड़ेगा मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब का स्काई वॉक, जानें खासियत
Greater Noida Sky Walk: मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (Multimodal Transport Hub) में सिर्फ यात्रियों के लिए परिवहन की ही सुविधा नहीं होगी, बल्कि कई और गतिविधियां भी होंगी. इस हब में होटल भी बनेंगे.
Greater Noida Multimodal Transport Hub: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (Multimodal Transport Hub) में प्रस्तावित रेलवे स्टेशन (Railway Station), मेट्रो स्टेशन (Metro Station) और बस अड्डे (Bus Stand) को स्काई वॉक (Sky Walk) (ट्रैवलर) से जोड़ा जाएगा. इससे यात्रियों को सुविधा हो जाएगी. यात्रियों को रेलवे स्टेशन से बस अड्डा या फिर मेट्रो स्टेशन के बीच सामान लेकर पैदल नहीं भागना पड़ेगा, बल्कि ट्रैवलर पर एक जगह खड़े हो जाएंगे और अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे. इस पूरी परियोजना का कॉन्सेप्ट प्लान तैयार हो चुका है. ग्रेनो के इस मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब को दिल्ली (Delhi) के आनंद विहार (Anand Vihar) से भी बेहतर और सुविधाजनक बनाने की तैयारी है.
सरकार की तरफ से मिल चुकी है मंजूरी
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भारत सरकार के सहयोग से बोड़ाकी के आसपास 7 गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन पर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब की योजना बनाई है. इन दोनों परियोजनाओं को भारत सरकार की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है. अब तक करीब 80 फीसदी जमीन प्राप्त हो गई है. मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब की तीन अहम परियोजनाएं, बोड़ाकी के पास रेलवे टर्मिनल, अंतर्राज्यीय व लोकल बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी की सुविधा विकसित की जाएगी.
ये हैं तीन परियोजनाएं
पहली परियोजना, बोड़ाकी के पास रेलवे टर्मिनल पर रेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. अगले पांच साल में इसके बन जाने के बाद पूर्व की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें यहीं से चलेंगी. ग्रेटर नोएडा व उसके आसपास रहने वालों को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि के लिए ट्रेनें यहीं से मिल सकेंगी. उन्हें दिल्ली, नई दिल्ली व आनंद विहार रेलवे स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
दूसरी परियोजना, अंतरराज्यीय व लोकल बस अड्डा है. इसके बन जाने से उद्योगों में काम करने वालों के लिए दूरदराज के साथ ही लोकल बसें भी मिल सकेंगी. इसका जिम्मा रोडवेज को दिया जा सकता है.
तीसरी परियोजना, नोएडा-ग्रेटर नोएडा को जोड़ते हुए डिपो स्टेशन से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो स्टेशन है. इस परियोजना पर भी मुहर लग चुकी है. डिपो स्टेशन से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक करीब तीन किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन भी बनेगी.
तैयार हो चुका है कॉन्सेप्ट प्लान
परिवहन की इन तीन सुविधाओं (रेलवे स्टेशन, बस अड्डा व मेट्रो स्टेशन) को यात्रियों के लिए और सुगम बनाने की कोशिश हो रही है. इसके मद्देनजर स्काई वॉक (ट्रैवलर) बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि रेलवे स्टेशन, बस अड्डा व मेट्रो स्टेशन आपस में जुड़ सकें. यात्री रेलवे स्टेशन से उतरने के बाद बस अड्डा या फिर मेट्रो तक आसानी से जा सकें या फिर बस अड्डे से रेलवे स्टेशन जा सकें. स्काई वॉक की लंबाई करीब आधा किलोमीटर होगी, इसका कॉन्सेप्ट प्लान भी तैयार हो चुका है.
होटल, ऑफिस स्पेस व पार्किंग भी होगी
मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब में सिर्फ यात्रियों के लिए परिवहन की ही सुविधा नहीं होगी, बल्कि कई और गतिविधियां भी होंगी. इस हब में होटल भी बनेंगे. मीटिंग, कॉन्फ्रेंस या बिजनेस के काम से आने वाले लोग इन होटलों में ठहर सकेंगे. ऑफिस के लिए भी जगह होगी. पर्याप्त पार्किंग की भी सुविधा होगी, इसके लिए मल्टीलेवल पार्किंग भी बनाई जा सकती है.
एक माह में बन जाएगी डीपीआर
इस बारे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण का कहना है कि ग्रेनो के ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और एनआईसीडीआईटी (नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इंप्लीमेंटेशन ट्रस्ट ) की तरफ से गठित एसपीवी कंपनी आईआईटीजीएनएल इन दोनों परियोजनाओं को अमली-जामा पहनाने में जुटी है. ये नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के बाद जिले का चौथा प्राधिकरण है. इन दोनों परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्राइस वाटरहाउस कूपर नाम की कंपनी तैयार कर रही है. कंपनी ने बहुत जल्द रिपोर्ट सबमिट करने की जानकारी दी है.
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