देहरादून: देहरादून (Dehradun) में भले ही स्मार्ट सिटी (Smart City) का काम चल रहा हो लेकिन शहर स्मार्ट सिटी नहीं बल्कि अभी डर्टी सिटी नजर आ रहा है. हर जगह सड़कें खुदी हुई हैं, जिससे आये रोज कई हादसे भी हुए हैं. स्मार्ट सिटी के अधूरे कामों से लोगों में भी खासा नाराजगी है. ढाई साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन देहरादून शहर में स्मार्ट सिटी के काम धरातल पर दिखाई नहीं दे रहे हैं. स्मार्ट सिटी की ज्यादातर योजनाओं का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. सड़कों पर गड्ढों की वजह से हादसे (incidents) भी हो रहे हैं. पलटन बाजार में स्कूटी सवार के साथ हादसा हुआ, जिसमें संबंधित कांट्रेक्टर पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
धीमी गति से चल रहा है स्मार्ट सिटी का काम
एक तो पहले ही स्मार्ट सिटी के काम धीमी गति से चल रहे थे. वहीं बरसात के सीजन के कारण स्मार्ट सिटी के काम और भी ज्यादा प्रभावित हुए हैं. उधर स्मार्ट सिटी के सीईओ का कहना है कि, स्मार्ट सिटी के अभी 35 प्रतिशत काम पूरा हो चुके हैं और 2023 तक सभी काम पूरे किये जाने हैं. स्मार्ट सिटी के सीईओ ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि कामों के चलते लोगों को दिक्कत ना हों. किसी भी तरह की लोगों की परेशानी को गंभीरता से लिया जाता है. आर. राजेश कुमार ने कहा कि, जो भी शिकायतें हैं, उन पर गम्भीरता से एक्शन लिया जा रहा है. पलटन बाजार में हादसे पर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं, एक और लापरवाही पर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिये गये हैं.
लोगों में नाराजगी
भले ही अधिकारियों का दावा है कि, स्मार्ट सिटी का काम समय से पूरा किया जाएगा और लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है लेकिन, लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है. देहरादून के स्थानीय निवासियों में स्मार्ट सिटी की कछुआ गति को लेकर रोष है.
स्मार्ट सिटी का काम जबसे शुरू हुआ, तब से अब तक पांच सीईओ बदल चुके हैं. देहरादून की सड़कों की हालत बताती है कि किस कदर अभी भी आधे-अधूरे कामों से जनता परेशान है. हालांकि देखना ये है कि जून 2023 तक स्मार्ट सिटी के काम को पूरा करने के लक्ष्य के बाद शहर कितना स्मार्ट नजर आता है.
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