मेरठ: सोशल डिस्टेंसिंग की नहीं है परवाह....बैंक-मैडिकल कॉलेज के बाहर भीड़ डराती है
मेरठ में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन के लगातार अपील करने के बावजूद लोग बाहर आकर भीड़ा जुटा रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग कैसे लड़ी जाएगी
मेरठ, बलराम पांडे। मेरठ में कोरोना संक्रमित मरीजों के बढ़ते आंकड़े और हो रही मौतों को लेकर सरकार और प्रशासन चिंतित है। यही वजह है कि सरकार ने 4 सदस्यों की टीम भेजकर यहां के हालात का पूरा खाका तैयार करने को कहा है, ताकि ये साफ हो सके कि बढ़ते आकड़ों के पीछे की वजह क्या है और इसकी रोकथाम के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। एबीपी गंगा ने सरकार और प्रशासन की चिंता को देखने के बाद ये जानने की कोशिश की कि आखिर आम आदमी इन बढते आकड़ों से कितना चिंतित है क्या वो घरों से बाहर निकल रहा या नहीं, अगर निकल रहा तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा या नहीं। तस्वीरें जो देखने को मिली वो साबित कर रही है कि लोग अभी भी इस महामारी को अनदेखा कर रहे हैं। यही वजह है कि दुकानों और बैंकों के बाहर लोगों की काफी भीड़ है और सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह ध्वस्त है।
एबीपी गंगा संवाददाता ने जमीनी हकीकत तलाशी। इस दौरान मेरठ के मेडिकल कॉलेज के बाहर परचून की दुकानों में लोगों की भीड़ दिखी और सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से नदारद दिखी। जबकि प्रशासन और सरकार लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि इस महामारी से बचने के लिए घरों में रहना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही एकमात्र उपाय है। बावजूद इसके लोग किस तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग का मखौल उड़ा कर अपनी जिंदगी को जोखिम में डाल रहे हैं। जिला प्रशासन का दावा है कि जिस दुकान के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन पाया जाएगा उस दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई होगी लेकिन इन तस्वीरों के सामने आने के बाद ये सवाल खड़ा होता है कि मेन रोड पर खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रही है और प्रशासन को दिख नहीं रहा या देखना नहीं चाहता ।
एबीपी गंगा न्यू मेरठ में स्थित एक बैंक के बाहर पहुचा जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग क्या होती है उन्हें मालूम ही नहीं। तभी तो यह लोग एक दूसरे से इस तरह सटकर खड़े हैं कि मानो कोरोना वैश्विक महामारी इनका कुछ नहीं कर पायेगी लेकिन ये शायद भूल गए कि इस महामारी से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और घरो में ज्यादा से ज्यादा रहना ही एक उपाय है। इस भीड़ को देखकर कहा जा सकता है कि या तो इन्हें प्रशासन और सरकार के द्वारा की जा रही अपीलों से कोई फर्क नहीं पड़ता या फिर प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पालन कराने में पूरी तरह नाकाम है।
गौरतलब है कि मेरठ में सोमवार को 15 कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये थे। जिसके बाद जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 260 तक पहुंच गई थी। इनमे से एक पुलिस कर्मी भी पॉजीटिव पाया गया। फिलहाल जिले में अबतक 14 मरीजों की मौत हो चुकी है और करीब 66 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।