मेरठ के जिला अस्पताल में घोर लापरवाही, कोविड जांच कराने आए लोगों ने उड़ाई सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
कोरोना से बिगड़ते हालात के बावजूद लोगों में लापरवाही कम नहीं हुई. मेरठ के जिला अस्पताल में कोरोना की जांच कराने आये लोग एक दूसरे से सटकर खड़े रहे. दो गज की दूरी का पालन तो लोग भूल गये.
मेरठ: देश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. लोगों को कोविड के नियमों को पालन करने के लिए शासन प्रशासन लगातार अपील कर रहा है लेकिन अभी भी जनता है कि मानती नहीं है. मेरठ में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 367 केस आये हैं, जबकि 4 लोगों की कोरोना के चलते मौत हो गयी. मेरठ में कोरोना के 2000 से अधिक एक्टिव केस हैं लेकिन इसके बावजूद भी लोगों में कोरोना का भय देखने को नहीं मिल रहा है.
जिला अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग नदारद
बाजार हो या अस्पताल लोग कोविड के नियमों का उल्लंघन करते हुए देखे जा सकते हैं. मेरठ में प्यारेलाल जिला चिकित्सालय में लोग कोविड की जांच कराने पहुंच रहे हैं, बार बार कहे जाने के बाद भी लोग दो गज की दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं. यहां पर कोविड की जांच कराने आये लाइन में लोगों के बीच की दूरी दो गज की है भी या नहीं ये देखना वाला यहा ना तो कोई स्वास्थ्यकर्मी था, ना ही कोई मेडिकल स्टाफ का सदस्य. लोग लाइन में एक दूसरे से सटे खड़े थे, वहीं दूसरी ओर जहां कोरोना के सैंपल लिए जा रहे थे वहां, खिड़की के बाहर भी कुछ ऐसा ही नजारा था.
लापरवाही बन सकती है मुसीबत का सबब
अगर इन लोगों के बीच में कोई एक भी कोरोना संक्रमित हुआ तो वो यहां कितने अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है, लेकिन किसी में भी इस बात का कोई डर दिखाई नहीं दे रहा है. यही हाल मेरठ के बाजारों का भी है. यहां भी ना तो बाजारों में लोगों ने दो गज की सोशल डिस्टेंस को कायम किया हुआ है, ना ही सभी के चेहरे पर मास्क है, लेकिन क्या करे लोग है कि मानते नहीं.
नाइट कर्फ्यू बढ़ाया गया
लोगों की लापरवाही और बीमारी की भयावहता को देखते हुए शासन ने उन सभी शहरों में नाईट कर्फ्यू की अवधि को रात 8 बजे से सुबह सात बजे तक कर दिया है. 2000 से अधिक एक्टिव केस होने के चलते मेरठ में भी अब रात के कर्फ्यू की अवधि को बढ़ा दिया गया है, लेकिन अगर कोरोना को हराना है तो सरकार के साथ साथ हमे भी कोविड के नियमों का पालन करना पड़ेगा, तभी कोविड को हराया जा सकता है.