प्रयागराज, एबीपी गंगा। छब्बीस दिसंबर को पड़ने वाले साल का आख़िरी सूर्यग्रहण देश में ज़बरदस्त उथल -पुथल मचाएगा। ग्रहण का प्रभाव पूरे एक साल तक रहेगा। इस दौरान युद्ध के हालात बनेंगे। प्राकृतिक आपदाएं आएंगीं और साथ ही सियासी उठापटक भी होगी, लेकिन विपरीत हालातों के बाद नये भारत का उदय होगा और समूची दुनिया में देश का नाम और बढ़ेगा। इस बार सूर्य ग्रहण पर वैसी ही ग्रहीय स्थितियां बन रही हैं, जो महाभारत काल के ग्रहण के दौरान बनीं थीं। ज्योतिष के जानकारों का दावा है कि ग्रहों का यह दुर्लभ संयोग तकरीबन साढ़े छह हज़ार साल बाद बन रहा है। इस बार का ग्रहण मिला जुला फल देने वाला है। अलग-अलग राशियों पर इसका अलग-अलग प्रभाव रहेगा।


प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आचार्य बृजेन्द्र मिश्र के मुताबिक छब्बीस दिसंबर को पड़ने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में सुबह आठ बजे से शुरू होकर दोपहर एक बजकर छत्तीस मिनट तक रहेगा। दक्षिण भारत के तीन राज्यों आंध्र प्रदेश -तेलांगना और तमिलनाडु में पूर्ण सूर्य ग्रहण रहेगा, जबकि उत्तर भारत समेत देश के बाकी हिस्सों में यह आंशिक तौर पर रहेगा। प्रयागराज और आस-पास के दूसरे शहरों में सूर्य ग्रहण सुबह आठ बजकर उन्नीस मिनट पर शुरू होकर दिन में ग्यारह बजकर दस मिनट तक रहेगा। इस बार बृहस्पतिवार, शनि, सूर्य, बुध, केतु और शुक्र जैसे छह गृह एक साथ धनु राशि में रहेंगे और ग्रहण का इन पर ज़बरदस्त प्रभाव रहेगा। इस बार ग्रहण पर शनि और बृहस्पति का भी मिलन हो रहा है। इस बार सितारों का ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है जो तकरीबन साढ़े छह हजार साल पहले महाभारत के युद्ध के दौरान के ग्रहण पर था। हालांकि उस वक्त भगवान श्रीकृष्ण ने छद्म ग्रहण कराया था। आचार्य बृजेन्द्र मिश्र के मुताबिक़ ग्रहण के बारह घंटे पहले सूतक लग जाएगा जो ग्रहण के मोक्ष के बारह घंटे बाद तक जारी रहेगा। उनके मुताबिक़ सूतक के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और मूर्ति पूजा पर रोक रहेगी। बच्चों -बुजुर्गों - रोगियों और गर्भवती महिलाओं के लिए सूतक की अवधि तीन घंटे की रहेगी। ग्रहण के दौरान मन्त्रों का जाप और नदियों के तट पर ईश्वर की आराधना करनी चाहिए।


आचार्य बृजेन्द्र मिश्र के मुताबिक़ इस बार के सूर्य ग्रहण का प्रभाव पूरे एक साल तक रहेगा। इस दौरान देश में ज़बरदस्त उथल पुथल रहेगी। दुश्मन देशों के साथ युद्ध के हालात बन सकते हैं। आंतरिक और बाहरी संघर्ष हो सकता है तो भूकंप - सूखा और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं। सियासी उठापटक होती रहेगी। किसी बड़े राजनेता का अंत हो सकता है तो साथ ही कुछ प्रभावशाली नेताओं को कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है या फिर उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। वायु व अप्राकृतिक दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। हालांकि साल भर बाद ग्रहण का प्रभाव खत्म होने पर देश का भाग्योदय होगा। उनका दावा है कि कुंभ - मीन और तुला राशियों को यह ग्रहण लाभ पहुंचाएगा, जबकि कन्या -धनु और मेष राशियों को नुकसान हो सकता है। वृष -मिथुन और कर्क वालों के लिए यह ग्रहण औसत होगा, जबकि सिंह -मकर और वृश्चिक राशियों पर इसका अनुकूल और प्रतिकूल दोनों ही प्रभाव पडेगा। प्रयागराज के मंदिर आज रात से ही बंद हो जाएंगे और कल पूरे दिन बंद रहेंगे।