26 दिसंबर को लग रहा है सूर्य ग्रहण, कब है सूतक काल और क्या बरते सावधानी
धर्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कई कार्य वर्जित होते हैं। इस महीने 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है। विज्ञान के मुताबिक इसे नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिये
सूर्य ग्रहण एक प्रकृतिक घटना है लेकिन इसके धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व अलग अलग हैं। साल का आखिरी महीना चल रहा है। 26 दिसंबर 2019 को सूर्य ग्रहण है। धार्मिक और वैज्ञानिक रूप से ग्रहण काल अशुभ होता है। विज्ञान की मानें तो सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिये। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान कई कार्यों को वर्जित माना गया है। आज हम आपको बतातें हैं कि सूर्य ग्रहण के समय क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिये।
सूर्य ग्रहण का समय और सूतक काल भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर लगेगा और 10 बजकर 57 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगा। खण्डग्रास की अवधि 2 घंटे 40 मिनट तक रहेगी। जबकि सूर्य ग्रहण में लगने वाला सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लग जाएगा
किस राशि और नक्षत्र में लग रहा है सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण गुरु की राशि धनु और मूल नक्षत्र में लग रहा है। मूल नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। सूर्य ग्रह, धनु राशि और मूल नक्षत्र के बीच की सामंजस्यता को देखें तो इन तीनों के मध्य अच्छी सामंजस्यता दिखाई दे रही है।
सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां
-गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। -सूर्य ग्रहण को आंखों पर बिना किसी सुरक्षा के नहीं देखना चाहिए। -आंखों पर ग्रहण के दौरान प्रयोग किये जाने वाले चश्मे लगाने चाहिए। -इस अवधि में चाकू, छुरी या तेज धार वाली वस्तुओं का प्रयोग न करें। -ग्रहण के दौरान भोजन और पानी का सेवन न करें। -इस समय पूजा करना और स्नान करना भी शुभ नहीं माना जाता। -ग्रहण के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। -ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।