प्रयागराज: लाल दुपट्टे और फटी कैप के ज़रिये दो दिन तक हुआ बापू की मूर्ति का अपमान, सोता रहा सरकारी अमला, एबीपी गंगा ने दिलाया सम्मान
प्रयागराज के बालसन चौराहे पर गांधी जी की मूर्ति साथ कुछ शरारती तत्वों ने छेड़छाड़ की. इस दौरान उन्हें फटी टोपी किसी ने पहना दी और कपड़ा दिया. यही नहीं, इस मुख्य चौराहे से दिनभर तमाम बड़े प्रशासनिक अफसर निकलते हैं, लेकिन किसी ने यह जहमत नहीं उठाई.
प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज में राष्ट्रपिता महात्मा की मूर्ति पर लाल रंग का दुपट्टा बांधे जाने और सिर पर फटी हुई कैप पहनाकर उनका मज़ाक उड़ाए जाने का शर्मनाक मामला सामने आया है. बापू की प्रतिमा को अपमानित करने का यह मामला जितना शर्मनाक है, उससे कहीं ज़्यादा तकलीफदेह इस मामले में सरकारी अमले का ढुलमुल रवैया है. बापू की प्रतिमा को लाल दुपट्टे से सिर-गले व चेहरे को ढककर बांधने और सिर पर फटी हुई कैप पहनाने की वारदात को किसी ने दो दिन पहले अंजाम दिया था. यह शर्मनाक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ ही कई अखबारों में भी छपी, लेकिन प्रयागराज के सरकारी अमले व दूसरे ज़िम्मेदार लोगों पर इसके बावजूद जूं तक नहीं रेंगी. एबीपी गंगा नो आज न सिर्फ राष्ट्रपिता की मूर्ति के साथ हुई छेड़छाड़ के शर्मनाक कारनामे को उजागर कर रहा है, बल्कि हमने कुछ सामजिक व जागरूक लोगों को बुलाकर बापू की प्रतिमा को लाल दुपट्टे व फटी हुई कैप से आज़ादी भी दिलाई. हमारी सूचना पर इलाहाबाद युनिवर्सिटी छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष संजय तिवारी और किसान नेता सुरेश उपाध्याय प्रतिमा स्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने हमारे कैमरे के सामने प्रतिमा से न सिर्फ दुपट्टा व कैप हटाई, बल्कि मूर्ति व पार्क की साफ़ -सफाई भी की.
बालसन चौराहे पर लगी है मूर्ति
संगम नगरी प्रयागराज में शहर के सबसे बड़े चौराहे बालसन पर अलग अलग हिस्सों में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और बीजेपी के संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भी मूर्ति लगी हुई है. कल यानी गुरुवार को आठ अक्टूबर को लोग जब बालसन चौराहे से गुजरे तो उन्हें बापू की प्रतिमा लाल दुपट्टे में लिपटी और सिर पर कैप नज़र आई. प्रतिमा के नीचे ही शराब और बीयर की बोतलों के साथ ही खाली गिलास और नमकीन के पैकेट भी नज़र आए. साफ़ तौर पर लग रहा था कि रात के अँधेरे में यहां कुछ लोगों ने शराब पीकर हंगामा काटा है और उन्ही लोगों ने बापू की मूर्ति के साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत की है.
अफसरो ने नहीं ली सुध
बापू की मूर्ति को जिस जगह सर्कस का जोकर बनाते हुए राष्ट्रपिता का मज़ाक उड़ाने की शर्मनाक हरकत की गई, वहां से डीएम -कमिश्नर और पुलिस कप्तान से लेकर ज़्यादातर बड़े अफसरों के दफ्तर व घर सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर है. तमाम अधिकारी दिन में कई बार इस रास्ते से गुजरते हैं. तकरीबन दो से तीन लाख लोग हर रोज़ बालसन चौराहे से पास होते हैं, लेकिन किसी ने भी बापू की प्रतिमा से हुई छेड़छाड़ की सुध नहीं ली. बापू की यह शर्मनाक तस्वीर आज कुछ अखबारों में भी छपी. आपका चैनल एबीपी गंगा भी आज यहां पहुंचा. यहां लोगों ने हमें बताया कि अफसरों को इस बारे में कई बार सूचना दी गई, लेकिन कोई भी दो पल की मोहलत निकालकर यहां आने व इसे ठीक कराने के लिए वक़्त नहीं निकाल सका.
एबीपी गंगा ने निभाया दायित्व
हमारी सूचना पर यहां इलाहाबाद युनिवर्सिटी छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष संजय तिवारी और किसान नेता सुरेश उपाध्याय पहुंचे. इन्होंने भी घंटों सरकारी अमले का इंतजार किया. इनकी गुहार के बावजूद जब सरकारी अमले का कोई नुमाइंदा यहां नहीं पहुंचा तो दोनों खुद ही लोहे के स्टूल का इंतजाम कर मूर्ति के चबूतरे पर चढ़ गए. इन्होने राष्ट्रपिता की प्रतिमा को अपमानित करने वाले लाल दुपट्टे और फटी हुई कैप को खुद अपने हाथों नोंचकर फेंक दिया. इन्होंने व इनके साथ आए लोगों ने प्रतिमा व पार्क की साफ सफाई भी की. वहां से शराब व बीयर को बोतलों को हटाया. इतना ही नहीं गांधी भक्तों ने एबीपी गंगा चैनल की मुहिम की तारीफ़ भी की. एबीपी गंगा की टीम ने उन्हें बताया कि हम सिर्फ सनसनी परोसने में भरोसा नहीं रखते, बल्कि ज़िम्मेदार चैनल होने के नाते अपने सामाजिक दायित्वों को भी निभाते हैं.
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