UP News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के आठ साल पुराने मामले में जिले के दुद्धी क्षेत्र से बीजेपी के विधायक रामदुलार के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट सख्त हिदायत के साथ निरस्त कर दिया. अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने इस मामले में कई बार समन के बावजूद हाजिर नहीं होने पर पिछले गुरुवार को कड़ा रुख अपनाते हुए विधायक को 23 जनवरी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने के आदेश दिए थे.
सरकारी वकील सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि आदेश के क्रम में विधायक रामदुलार अपने अधिवक्ता के साथ अदालत में सोमवार को दोपहर बाद करीब दो बजे हाजिर हुए. इस पर उन्हें अदालत के कठघरे में खड़ा करा दिया गया और वह करीब दो घंटे तक कठघरे में ही खड़े रहे. उन्होंने बताया कि इस दौरान विधायक के अधिवक्ता रामवृक्ष तिवारी ने वारंट वापसी का प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें बीमारी और आवश्यक कार्य की वजह से अदालत में हाजिर नहीं हो पाने की बात बताई गई.
त्रिपाठी ने बताया कि अदालत ने सुनवाई करते हुए इस हिदायत के साथ वारंट को दो लाख रूपये के निजी मुचलके पर निरस्त कर दिया, कि विधायक हमेशा नियत तिथि पर अदालत में हाजिर होते रहेंगे और न ही गवाहों को डराए-धमकाएंगे. उन्होंने बताया कि विधायक का बयान दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में म्योरपुर के उस दारोगा को भी तलब किया गया है जिसे विधायक को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया था. मामले की अगली सुनवाई आगामी 25 जनवरी को की जाएगी.
क्या है आरोप?
त्रिपाठी ने बताया कि म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में दी गयी तहरीर में आरोप लगाया था कि चार नवंबर 2014 की शाम तत्कालीन ग्राम प्रधान के पति और वर्तमान में दुद्धी क्षेत्र से बीजेपी विधायक रामदुलार ने उसकी नाबालिग बहन को डरा-धमका कर कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया. उन्होंने बताया कि इस तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना की और पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर विवेचक ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया.
त्रिपाठी ने बताया कि अदालत ने आरोपी रामदुलार को कई बार समन भेजा लेकिन वह हाजिर नहीं हुए रामदुलार पिछली 10 और 17 जनवरी को बीमारी का हवाला देकर अदालत में हाजिर नहीं हुए और 19 जनवरी को भी यही बात कह कर हाजिरी माफी की अर्जी दी, मगर अदालत ने उसे खारिज कर दिया. अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए विधायक रामदुलार के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया और जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए थे कि वह विधायक को गिरफ्तार कर आगामी 23 जनवरी को अदालत में पेश करें.