UP News: सोनभद्र में फर्जी वाहन रिलीज मामले में बड़ी कार्रवाई, तत्कालीन ARTO सहित तीन भगोड़ा घोषित
Sonbhadra News: सोनभद्र में बगैर परमिट और ओवरलोडिंग में सीज वाहनों को छुड़ाने में हुए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था. इस मामले अदालत से धारा 82 सीआरपीसी की नोटिस जारी की गई थी.
Sonbhadra RTO News: उत्तर प्रदेश (UP) के सोनभद्र में कोर्ट से जारी 82 सीआरपीसी की नोटिस तामील कराने के बावजूद, उपस्थित न होने पर तत्कालीन एआरटीओ पीएस राय सहित तीन को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. सोनभद्र में एआरटीओ विभाग के फर्जी रिलीज ऑर्डर और कोर्ट की फर्जी रसीद बनाकर बड़े पैमाने पर अलग-अलग थानों से छुड़ाए गए वाहनों के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. मामले की जांच कर रहे म्योरपुर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार सिंह (Avinash Kumar Singh) के तरफ से इस मामले में तीनों के खिलाफ अलग से एक एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.
गौरतलब है कि सोनभद्र में बगैर परमिट और ओवरलोडिंग में सीज वाहनों को छुड़ाने में हुए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था. जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह की सख्ती और विभागीय जांच के बाद तत्कालीन एआरटीओ पीएस राय की तरफ से म्योरपुर, हाथीनाला, चोपन, विंढमगंज और बभनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मामले में पुलिस ने जांच शुरू की तो कोरोना काल में आपदा को अवसर बनाकर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की बात सामने आई.
'अब तक आठ लोग गिरफ्तार'
पुलिस की जांच मे बाहरी लोगों के साथ तत्कालीन एआरटीओ और तत्कालीन विभागीय पटल सहायक को भी फर्जीवाड़े का दोषी पाया गया. इस मामले में पुलिस ने अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं तत्कालीन एआरटीओ प्रवीण शंकर राय सहित तीन लोग फरार हैं. उनकी फरारी को देखते हुए पुलिस ने अदालत को अदालती नोटिस और तामिल की जानकारी दी थी.
अप्रैल में तामिल करा दिया गया था नोटिस
इस पर अदालत से धारा 82 सीआरपीसी की नोटिस जारी की गई थी. अप्रैल माह के पहले पखवाड़े में नोटिस का तामिल भी करा दिया गया था. इसके बावजूद आरोपी अब तक फरारी काट रहे हैं. फरार घोषित पूर्व एआरटीओ मूल बलिया निवासी, वर्तमान में वाराणसी में रह रहे पीएस राय, राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के निपराज निवासी पंकज पटेल और उरमौरा निवासी वैभव मिश्रा के बारे में न तो पुलिस को कोई जानकारी मिल सकी है, न ही नोटिस तामिल कराए जाने के बाद उपरोक्त तीनों में से कोई कोर्ट में उपस्थित हुआ है. इसको देखते हुए प्रभारी निरीक्षक म्योरपुर अविनाश कुमार सिंह की तरफ से तीनों के खिलाफ धारा 174-ए आईपीसी के तहत अलग से एफआईआर दर्ज कराई गई है.
कुछ और अधिकारी हो सकते हैं संलिप्त
अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि विभागीय जांच में जहां 100 से अधिक वाहनों को फर्जी रिलीज ऑर्डर पर छुड़ाए जाने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं पिछले दिनों कोर्ट के नाम की फर्जी रसीद बनाकर लगभग 300 वाहनों को छुड़ाए जाने का मामला सामने आया था. दोनों मामले में विभागीय संलिप्तता की चर्चाएं बनी हुई हैं. ऐसे में आगे की जांच में परिवहन विभाग के कुछ और अधिकारी और कर्मचारी फर्जीवाड़े के इस खेल में संलिप्त नजर आएं तो बड़ी बात नहीं होगी.
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