Sonbhadra news: सोनभद्र में स्कूल की जर्जर बिल्डिंग को जैसे हादसे का इंतजार है. मामला चोपन विकासखंड के राजकीय बालिका हाई स्कूल पइका का है. रियल्टी चेक में स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हालत में मिली. बच्चों को बैठने वाले सीट, खिड़की, दरवाजे और मेज टूटे नजर आए. बच्चों के लिए कॉपी किताब रखने की कोई व्यवस्था नहीं है. जर्जर इमारत के नीचे छात्र बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. राजकीय बालिका हाई स्कूल पइका में नौवीं और 10वीं की पढ़ाई होती है. 104 छात्रों वाले स्कूल में सबसे ज्यादा समस्या लड़कियों को होती है.


जर्जर है स्कूल का भवन 


स्कूल के शौचालय पर ताला लगा होने से छात्राओं को बाहर जाना पड़ता है. शौचालय की चाभी स्कूल के प्रिंसपल के पास रहती है. दोनों क्लास को मिलाकर स्कूल में किसी तरह 50 बच्चे पढ़ने आते हैं. रियल्टी चेक में केवल दो शिक्षक ही पढ़ाते हुए पाए गए. स्कूल की दशा खराब होने की चिंता ना तो प्रिंसपल को है और ना ही डीआईओएस को है. स्कूल की बिल्डिंग को बने हुए ज्यादा अरसा नहीं हुआ है. 2013 में बनी बिल्डिंग बहुत जल्द जर्जर स्थिति को पहुंच गयी. छात्र जर्जर बिल्डिंग में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.


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रियल्टी चेक में हुआ खुलासा


स्कूल प्रबंधन को हादसा होने का इंतजार है. रियल्टी चेक में स्कूल की घंटी नाबालिग लड़का बजाते हुए मिला. चपरासी भी स्कूल में मौजूद नहीं पाया. शिक्षा के मंदिर में नाबालिग से काम करवाना प्रिंसिपल की लापरवाही को दर्शाता है. जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह को स्कूल की जर्जर बिल्डिंग और पढ़नेवाले बच्चों की समस्या से अवगत कराया गया.


उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही बिल्डिंग को दुरुस्त करवाया जाएगा. जिले में जर्जर स्कूलों की लिस्ट तैयार की जा रही है. अधिकारी जगह जगह जाकर चेक कर रहे हैं. जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही सभी स्कूलों की दशा, दिशा सुधर जाएगी. 


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