Sonbhadra News: सोनभद्र में 378 स्कूलों के ऊपर झूल रहे हैं हाईटेंशन तार, पहले भी हो चुका है हादसा, नहीं कोई एक्शन
UP News: सोनभद्र के स्कूलों से तार हटाने के लिए बिजली विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग से 156 करोड़ रुपये की मांग की है. जिस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निदेशालय को स्थिति से अवगत कराते हुए धन को मांग की है.
Sonbhadra News: सोनभद्र (Sonbhadra) जिले में ऐसे कई विद्यालय हैं जिसमे पढ़ने वाले नौनिहालों के भविष्य पर हमेशा खतरे की घंटी लटकती रहती है. खतरा ऐसा जिसका किसी के पास कोई उपाय भी नहीं है. सभी किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं. सोनभद्र जिले में कई ऐसे स्कूल हैं जिनकी छत परिसर से होकर हाईटेंशन तार गुजर रहा है. यह कभी भी टूट कर गिर सकते हैं. इन तारों का करंट स्कूलों में दौड़ जाए या फिर इनकी चपेट में कब कौन आ जाए कोई भरोसा नहीं है.
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के मेदनीखाड गांव के रहने वाले 13 वर्षीय नीरज का एक हाथ और पैर 2 साल पहले इस स्कूल में पढ़ने के दौरान हाईटेंशन तार की चपेट में आ जाने के कारण हमेशा के लिए कट गया. जिले में 2261 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं, परिषदीय विद्यालय के छत और परिसर से होकर हाईटेंशन तार गुजर रहा है. शिक्षा विभाग के विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में 378 स्कूल ऐसे हैं जिनके ऊपर से हाईटेंशन तार गुजर रहा है. शिक्षक उच्चाधिकारियों को कई बार इन तारों को हटने के लिए प्रार्थना पत्र दे चुके हैं लेकिन इस पर अभी तक कोई बात नहीं बन सकी
बिजली विभाग ने 156 करोड़ रुपये की मांग की
परिषदीय विद्यालय के ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन लाइन के तार को हटाने के लिए बिजली विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग से 156 करोड़ रुपये की मांग की है. जिस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार की और से निदेशालय को स्थिति से अवगत कराते हुए धन को मांग की गई है. मगर शासन की ओर से इस मामले में अब तक कोई खाम दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है. बिजली की चपेट में आए बालक ने बताया कि जब मैं सातवीं क्लास में था जब मेरे साथ यह घटना घटी थी और जिस दिन मेरे साथ घटना घटी 1 दिन पहले एक लड़की को भी बिजली का करंट लगा था.
स्कूलों पर हाईटेंशन के तार गुजरने पर गोलमोल जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि सोनभद्र बिजली उत्पादन का केंद्र है और यहां पर बिजली के तारों का बहुत संजाल है और हमारे यहां लगभग 200 से अधिक स्कूलों के ऊपर बिजली के हैं. अध्यापक और छात्रों के साथ अभी तक कोई घटना हमारे संज्ञान में नहीं है.
बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता सर्वेश सिंह का कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल के ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तारों को हटाने के लिए एप्लीकेशन आई थी जिसका एस्टीमेट बनाकर दे दिया गया है. जिले में दो डिवीजन है और लगभग 300 विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन तार गए हैं जिसका लगभग एक करोड़ से ऊपर का भुगतान बाकी है, बेसिक शिक्षा विभाग से अभी भुगतान नहीं आया है, भुगतान आते ही तार हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
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