UP News: डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) अस्पतालों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे है. सोनभद्र (Sonbhadra) जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं को जलाया जा रहा है. जलाई जा रही दवा किससे संबंधित है, यह जांच का विषय़ है. जिलाधिकारी का कहना है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगवां पर दवा जलाए जाने का मामला संज्ञान में आया है. जिसके बाद सीएमओ को जांच करने का निर्देश दिया गया है.
मरीजों को मजबूरी में बाहर से लेनी पड़ती है दवा
नगवां विकास खंड के सीएससी में लाखों की दवा जलाए जाने का मामला सामने आया है. बेहतर इलाज के लिए आदिवासी पहाड़ी क्षेत्रों से आए मरीजों को ना दवा मिल पाती और ना इलाज. डॉक्टरों द्वारा बाहर की दवा लिख देना आम बात है. उनसे कहा जाता है कि अस्पताल में दवा नहीं है. मरीज मजबूरी में बाहर से दवाई खरीदते हैं और अब हालत यह है कि दवाइयों को जलाया जा रहा है.
डिस्पोज करने के लिए बनाई जाती है टीम
स्वास्थ्य विभाग का इस संबंध में कहना है कि मरीजों को बांटी जाने वाली दवा गिनती के अनुसार आती है. ऐसे में दवा बचनी नहीं चाहिए. दवा किस कारण से बची है उसकी जांच होगी. अगर एक्सपायर दवा बचती है तो स्टॉक बनाकर डिस्पोज करने के लिए एक टीम बनाई जाती है. उसके बाद निगरानी में दवा डिस्पोज किया जाता है. दवा जलाए जाने की सूचना नहीं मिली है, अगर ऐसा हुआ है तो इस संबंध में जांच की जाएगी. सोनभद्र के जिलाधिकारी ने इस मामले में कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा जलाने की जानकारी मिली है. दवा को बायो सिस्टम से जलाया जाना था. यह दवा कैसी थी, सीएमओ को जांच के निर्देश दिए गए हैं.
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