Sonbhadra News: सोनभद्र (Sonbhadra) में कृष्णशीला कोल रेलवे साइडिंग के पास बांसी गांव की जमीन पर 32 बीघे में पकड़े गए लाखों टन अवैध कोल भंडारण मामले को लेकर  आए दावों का निस्तारण सात अफसरों की समिति करेगी. शासन से आए निर्देश के क्रम में डीएम चंद्र विजय सिंह ने मामले के सम्यक निस्तारण के लिए, प्रशासन, पुलिस, रेलवे, खान महकमा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कोल सेक्टर से जुड़े अफसरों को टीम में शामिल करने के साथ ही, अवैध भंडारण वाले कोयले के स्वामित्व के संबंध में प्राप्त दावों का निस्तारण कर, रिपोर्ट/संस्तुति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. 


ये लोग हैं समिति में शामिल 
डीएम द्वारा गठित की गई समिति में अपर जिलाधिकारी (वित्त-राजस्व) सहदेव मिश्रा को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं इसमें ज्येष्ठ खान अधिकारी आशीष कुमार सचिव, उपजिलाधिकारी दुद्धी शैलेंद्र मिश्रा, पुलिस क्षेत्राधिकारी, पिपरी प्रदीप सिंह चंदेल, क्षेत्रीय अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंण बोर्ड टीएन सिंह, रेलवे के मंडल यातायात प्रबंधक चोपन विशाल, एनसीएल के बीना कोल प्रोजेक्ट के जीएम अरविंद कुमार सदस्य नामित किए गए हैं. जारी निर्देश में अवगत कराया गया है कि पहले इस बात की शिकायत मिली थी कि एसआरटी बासी से खोखरी गांव के पास ट्रांसपोर्टरों ने अवैध कोल डिपो बना रखा है. 


क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 22 जुलाई को कृष्णशिला रेलवे साइडिंग और आस-पास की नार्दल कोल्ड फिल्डस लिमिटेड के नाम दर्ज लगभग 32 बीघा भूमि पर अनुमानित लगभग एक मिलियन टन भंडारण पाया गया था. मौके पर इसको लेकर कोई दावेदार सामने न आने तथा भंडारण के लिए किसी तरह से कोई अनुज्ञा या एनओसी जारी न होने को देखते हुए अवैध कोल भंडारण को सीज करते हुए प्रभारी निरीक्षक शक्तिनगर को यह सौंपा गया था.  सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना भण्डारित कोयले का विक्रय उठान और परिवहन प्रतिबंधित किया गया था. मामले को लेकर डीएम की तरफ से शासन को रिपोर्ट भी की गई थी, जिसके क्रम में ऊर्जा अनुभाग-तीन और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश की तरफ से कृष्णशिला साइडिंग पर सीज किए गए भंडारित कोयले के स्वामित्व के सम्बन्ध में प्राप्त दावाकृत आवेदनों के निस्तारण का निर्देश दिया गया. इस क्रम में डीएम की तरफ से उपरोक्त समिति का गठन किया गया है. खनन अधिकारी का कहना है कि जिलाधिकारी द्वारा टीम गठित कर दी गई है. 10 अक्टूबर तक मालिकाना दावे का समय दिया गया था. अब नोटिस भेजा जा रहा है. 


यह भी पढ़ें:-


केदारनाथ में क्रैश का इतिहास: पहाड़ी से टकरा तो कभी बिजली के तारों में उलझकर, हेलिकॉप्‍टर के पंख से भी हुई शख्‍स की मौत