Sonbhadra News: देश में डिजिटल इंडिया के युग में जहां एक क्लिक में सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं और एक कोने से दूसरे कोने में आसानी से जुड़ सकते हैं. वहीं, सोनभद्र (Sonbhadra) जिले के कई गांवों में लोगों को मोबाइल पर बात करने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है, यहां नेटवर्क पहुंच ही नहीं पाता है. इस कारण ग्रामीणों को कभी पेड़ पर तो कभी पहाड़ियों पर नेटवर्क के लिए चढ़ना पड़ता है. ऐसे में इन ग्रामीणों के लिए इंटरनेट किसी सपने से कम नहीं है.


ये हालात जिला मुख्यालय से 85 किलोमीटर दूर जंगल और पहाड़ी के तलहटी में बसे गांव की है, जहां आज भी मोबाइल का नेटवर्क नहीं आता है. जिले के म्योरपुर, चोपन नगवां, कोन ब्लाक के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के पास मोबाइल तो लगभग हर व्यक्ति के पास मौजूद हैं. गांव में रहने के दौरान यदि किसी से इमरजेंसी में बात करनी होती है तो यहां के लोगों को पेड़ या पहाड़ी का सहारा लेना पड़ता है. 


क्या है पूरा मामला?
ग्रामीणों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि कई तरह की दिक्कतें आती हैं. एंबुलेंस को नेटवर्क नहीं होने के कारण सही समय पर सूचना नहीं दे पाते हैं. वहीं, पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण सांप, बिच्छू सहित अन्य जहरीले जानवरों के काटने की घटनाएं भी ज्यादा होती है. इन घटनाओं के दौरान समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. कोई भी हादसा होने पर इन गांव में रहने वाले लोगों को तुरंत मदद नहीं मिल पाती है. इसके अलावा झगड़ा और अन्य कोई घटना होने पर गांव में पुलिस को सूचना देना संभव नहीं हो पाता है.


वहीं मोबाइल नेटवर्क विहीन गांवों में सरकार की स्वास्थ्य सुविधा को लेकर संचालित एम्बुलेंस 108 और 102 नहीं पहुंचती है. जिससे सबसे ज्यादा दिक्कत बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाने में आती है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे हालात रहे तो डिजिटल इंडिया का सपना कैसे पूरा होगा. आने जाने के लिए रोड नहीं है. नेटवर्क की समस्या है.


इस सम्बंध में भारतीय जनता पार्टी के विधायक का कहना है कि कई इलाके ऐसे है, जहां मोबाइल नेटवर्क की दिक्कत है, जिसके लिए प्रयास किया गया है. ऐसे इलाकों में मोबाइल नेटवर्क के लिए मोबाइल नेटवर्क कम्पनी द्वारा सर्वे किया गया है. जिन इलाकों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है, वहां के लोगों को कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ता है.


इस सम्बंध में जिलाधिकारी का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क की एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण सरकार की योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने में दिक्कतें आ रही है. जिसके निदान के लिए 34 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां बीएसएनएल द्वारा भूमि का चयन कर लिया गया है और जल्द ही टावर लगाया जाएगा.


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