Sonbhadra News: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वच्छ भारत मिशन के तहत कोशिश कर रहे हैं कि कोई खुले में शौच ना करें. खुले में लोगों को शौच करने से मुक्ति मिले, लेकिन सोनभद्र (Sonbhadra) के अधिकारियों को इससे कोई फर्क नही पड़ता है. स्वच्छ भारत मिशन में भ्रष्टाचार की वजह से यह योजना पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रही है वहीं इस योजना में लगातार शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन सोनभद्र की बात करें तो यहां आये दिन ग्राम सभाओं में शौचालय के नाम पर घोटाले का मामला सामने आ रहा है.


दरअसल, यह मामला कोन थाना क्षेत्र के मिटिहिनिया ग्राम पंचायत का है, जहां 49 लाख का शौचालय घोटाला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. डीएम चंद्र विजय सिंह के निर्देश पर मामले में तत्कालीन सचिव शुभम सिंह और तत्कालीन प्रधान अशोक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. डीएम की सख्ती के बाद एडीओ पंचायत कोन अजय सिंह ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है और पंचायती राज में हड़कंप मच गया.


क्या है पूरा मामला? 
बता दें कि कोन थाना क्षेत्र के मिटीनिहीया ग्राम में शौचालय घोटाला का मामला पिछले एक साल से गरमाया हुआ था लेकिन अधिकारी शौचालय घोटाले के आरोपी को बचाने के लिए हर संभव हथकंडा अपनाते रहे. जैसे ही पूरे मामले की जांच रिपोर्ट डीएम के यहां पहुंची तो पूरे घोटाले पर से पर्दा हट गया. डीएम चन्द्र विजय सिंह ने डीपीआरओ को दोषी तत्काल सचिव और प्रधान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया. 


बताया जा रहा है कि मामले की फाइनल जांच में लगभग 400 शौचालय का घोटाला पाया  गया है और इसके लिए तत्कालीन सचिव और प्रधान को बड़े गबन का जिम्मेदार पाया गया और इसको लेकर थाने में एडीओ पंचायत की तरफ से दी गई तहरीर पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है. इस मामले पर एएसपी त्रिपाठी ने बताया की एडीओ पंचायत के तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर 409 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच की जा रही है जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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