Sonbhadra News: सोनभद्र राबर्ट्सगंज क्षेत्र के राजकीय धान क्रय केंद्र पर किसानों ने जमकर हंगामा किया. नाराज किसानों ने क्रय केंद्र पर पक्षपात और बार बार नियमों में बदलाव को लेकर हंगामा किया. एक महीने में सरकार के द्वारा तीन बार नियमों को बदलने की वजह से एक महीने से अपने धान को लेकर क्रय केंद पर खड़े किसान आग बबूला हो गए और धरने पर बैठ गए. वहीं जैसे ही इसकी सूचना एडीएम को मिली उन्होंने तत्काल सदर एसडीएम को क्रय केंद्र पर भेजा. मौके पर पहुंचे एसडीएम ने किसानों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया. वहीं नाराज किसानों का आरोप है कि क्रय केंद्र संचालक के मनमाने तरीके से धान की ठीक से खरीदी नहीं हो पा रही है.


किसानों की दिक्कत
किसानों के हित में संचालित धान क्रय केंद्र दलालों के भेंट चढ़ रहा है. जिसके चलते किसानों को सरकार की ओर से मिली सुविधाओं से वंचित कर दिया जा रहा है. राबर्ट्सगंज ब्लॉक स्थित राजकीय सरकारी क्रय केंद्र पर धान लेकर पहुंचे किसान, धान खरीद न होने से नाराज होकर प्रदर्शन कर नाराजगी जाहिर करते हुए दिखे. वहीं किसानों का आरोप है कि हम लोग एक महीने से यहां खड़े हैं. अचानक बारिश की वजह से हम लोगों के धान भीग गए. यहां न कोई अलाव की व्यवस्था है ना ही कोई अन्य सुविधा. हम लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं. वहीं दलालों का क्रय केंद्रों का जमावड़ा लगा है.


वही किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्र भूषण पांडेय का कहना है कि सरकारी क्रय केंद्र पर धान बेचने को लेकर किसान काफी परेशान हैं. किसानों के फसल को एक महीने लेट हुआ है उसपर अधिकारी पहले ऑफ लाइन धान खरीद की व्यवस्था किए फिर जब आधे किसानों की धान खरीदी हो गयी तो अधिकारी ऑनलाइन व्यवस्था कर दिए फिर दो दिनों बाद है फिर ऑफलाइन व्यवस्था अधिकारी कर दिए जिससे किसानों में अपने धान को बेचने के लिए संघर्ष हो रहा है और कोई अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है. इस वजह से आज किसानों ने प्रदर्शन कर मांग की है कि अब ऑफलाइन ही चलने दीजिए नहीं तो किसान धरने पर बैठ जाएंगे.


क्रय केंद्र के प्रभारी बृजेश सिंह ने बताया कि लगातार धान की खरीद हो रही है. दो कांटे से तौल भी की जा रही है. सरकार ने पहले ऑफलाइन व्यवस्था दी थी फिर बाद में व्यवस्था ऑनलाइन की हो गयी फिर तकनीकी खराबी की वजह से सरकार ने ऑफलाइन व्यवस्था कर दिया. जिससे किसान नाराज हो गए. वही रोज 600 कुंटल धान की खरीदी की जा रही है पर दूर दूर से किसान अपने पास के क्रय केंद्रों से यहां चले आ रहे हैं. इस वजह से भीड़ ज्यादा हो गयी है. 


खरीद केंद्र के अधिकारी हड़ताल पर
धान खरीद को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानो की समस्या का समाधान शासन स्तर पर ही हो सकता है. सरकार कभी टोकन धान खरीद तो कभी बिना टोकन के खरीद का आदेश देती है. किसान इस चक्कर में परेशान हो जा रहे हैं. टोकन वाले किसान, बगैर टोकन वाले किसान. धान खरीद में लगे कर्मचारी को गाली और मार भी झेलनी पड़ती है. इसलिये प्रदेश के सभी धान खरीद केंद्र के अधिकारियों ने हड़ताल पर रहने का फैसला लिया है.


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